बड़ी खबर.. उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे मिली सोने की खान, जिसकी सुनकर पैरों तले खिसक जाएगी जमीन

कहते है इंसान की किस्मत बदलते देर नहीं लगती और आज जो खबर हम आपको बताने वाले है, उसके बारे में जानने के बाद यक़ीनन आप भी यही कहेगे. जी हां बता दे कि ये खबर उत्तराखंड से सामने आयी है. दरअसल हमारे भारतीय वैज्ञानिको ने उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कुछ हिस्सों में सोना मिश्रित ताम्बा खनिज पदार्थ की व्यापक पैमाने पर खोज की है. वही अगर करंट साइंस जनरल रिपोर्ट की माने तो सतही शैल और झरनो के तलछट से करीब 475 पार्ट्स प्रति बिलियन और एक प्वॉइंट बयालीस पार्ट्स प्रति बिलियन सोने के नमूने इकट्ठे किये है. आपकी जानकारी के लिए बता दे कि उत्तराखंड के ये हिस्से लेसर हिमालय के नाम से जाने जाते है. जो उत्तर की तरफ से मेन सेंट्रल थ्रस्ट और दक्षिण की तरफ से नार्थ अल्मोड़ा थ्रस्ट के बीचो बीच स्थित है.

बड़ी खबर.. उत्तराखंड में गंगा नदी के किनारे मिली सोने की खान, जिसकी सुनकर पैरों तले खिसक जाएगी जमीन गौरतलब है कि जीएसआई के वैज्ञानिको ने उत्तराखंड के लामेरी कोटेश्वर इलाके से तीन सौ पचपन नमूने इकट्ठे किये है. बता दे कि इस सोने और आधार धातु का लखनऊ के जीएसआई के केमिकल डिवीजन में विश्लेषण किया गया है. वही अगर खबरों की माने तो इन नमूनों के एक्स रे के अध्ययन के दौरान सोने के साथ साथ चाल्कोपाइराइट, पाइराइट, सफालेराइट और गैलेना होने के संकेत भी पाए गए है. बता दे कि रुद्रप्रयाग में सोना मिलने की यह पहली ही घटना है. इससे पहली ऐसी घटना यहाँ कभी देखने को नहीं मिली. जिसके चलते यहाँ के लोग और वैज्ञानिक भी इस घटना से काफी हैरान है.

इसके इलावा ऐसा सुनने में आया है कि जिन इलाको में सोना पाया गया है, वह सभी इलाके रुद्रप्रयाग कस्बे के आस पास मंदाकिनी नदी के किनारे पर ही मौजूद है. ऐसे में वैज्ञानिको का कहना है कि इस सोने की कीमत पचास हजार करोड़ रूपये से भी ज्यादा हो सकती है. यानि इससे न केवल लोगो का बल्कि देश का भी भला हो सकता है. वही अगर जीएसआई की माने तो वर्तमान समय में सोने का उत्पादन कर्नाटक के हुति, ऊटी और हीराबुदनी की खदानों में किया जाता है. इसके इलावा राजस्थान के खेतरी और झारखंड के मोसाबनी, सिंहभूम और कुंदरेकोचा में धातु सल्फाइड से बाई प्रोडक्ट के रूप में सोने के उत्पादन किया जाता है.

यानि यूँ तो सोने का उत्पादन कई इलाको और शहरों में किया जाता है, लेकिन उत्तराखंड में इससे पहले ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला. यही वजह है कि उत्तराखंड की इस घटना को लेकर हर कोई हैरान है. फ़िलहाल इस खबर को लेकर वैज्ञानिको ने अभी तक कोई बड़ी प्रतिक्रिया नहीं दी है और इस सोने का क्या होगा, ये भी अभी तक तय नहीं हुआ है. ऐसे में हम तो यही कहेगे कि इस सोने का इस्तेमाल और इससे जो भी कीमत हासिल होगी उसका इस्तेमाल उन लोगो के लिए करना चाहिए, जिन्हे इस समय पैसे की काफी जरूरत है.

हालांकि ये मुमकिन सा नहीं लग रहा, लेकिन फिर भी इस देश में कब क्या हो जाए, ये कोई नहीं कह सकता. बरहलाल हम उम्मीद करते है, कि उत्तराखंड की ये घटना कोई शुभ संकेत लेकर ही आये.

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