Big Breaking : भारत में लैंड हुए राफेल विमान, अंबाला में जोरदार स्‍वागत

अंबाला। भारतीय वायुसेना का ब्रह्मास्‍त्र माने जाने वाले राफेल विमान की पहली खेप आज भारत के अंबाला एयरबेस पर पहुंच गई है। इन फाइटर जेट्स ने सुबह 11 बजे यूएई से उड़ान भरी थी।​ दोपहर ​​01.29​ बजे भारतीय वायु क्षेत्र में​ प्रवेश करते ही वायुसेना के दो सुखोई-30 एमकेआई विमानों ने राफेल की इस फ्लीट को अंबाला एयरबेस तक ​​​एस्कॉर्ट ​करने की भूमिका निभाई।​​

राफेल लड़ाकू विमानों की सबसे पहली तस्‍वीरपांचों राफेल ने पहले पूरे एयरबेस की परिक्रमा की और करीब 3 बजकर 9 मिनट पर ​​​अंबाला एयरबेस पर​ सुरक्षित लैंडिंग होने के बाद राफेल विमानों को ‘वाटर सैल्यूट’ ​दिया गया​।​ बता दें कि 27 जुलाई को 5 राफेल विमानों ने फ्रांस से उड़ान भरी थी। इसके बाद सभी विमान यूएई में रुके, जहां से पांचों विमानों ने आज भारत का सफर तय किया।

अंबाला एयरबेस के पास हाई सिक्‍योरिटी तैनात की गई है। पूरे इलाके में धारा 144 लगा दी गई है। फ्रांस की ओर से पांच राफेल लड़ाकू विमानों की खेप भारत को दी गई है, कुल 36 विमानों की डिलीवरी में ये पहली खेप है।

इसलिए अंबाला में होगा तैनात

क्‍या आप जानते हैं कि आखिर वायुसेना ने पहले 5 राफेल विमानों को अंबाला एयरबेस में ही क्यों तैनात करने की योजना बनाई है? इस सवाल का जवाब भारत के सामने रक्षा चुनौतियां और उन चुनौतियों से निपटने में अंबाला के महत्व से मिल जाता है। मौजूदा समय में जम्मू-कश्मीर में भारत और पाकिस्तान के बॉर्डर तथा लद्दाख में भारत और चीन बॉर्डर पर मुख्य चुनौती है। अंबाला से यह दोनों जगहें काफी नजदीक हैं।

बता दें कि एलएसी के उस पार चीन का जो नजदीकी एयरबेस उसकी अंबाला से लगभग 300 किलोमीटर दूरी है जबकि अंबाला के पास पाकिस्तान के नजदीकी एयरबेस की दूरी लगभग 200 किलोमीटर है। जरूरत पड़ने पर राफेल विमान मिनटों में इन दोनो एयरबेस को अपना निशाना बना सकता है। चीन और पाकिस्तान के पास इस समय जो एडवांस लड़ाकू विमान हैं उनके मुकाबले राफेल काफी एडवांस है।

#WATCH: Five #Rafale jets in the Indian airspace, flanked by two Su-30MKIs (Source: Raksha Mantri’s Office) pic.twitter.com/hCoybNQQOv— ANI (@ANI) July 29, 2020वहीं पाकिस्तान के पास फिलहाल एफ-16 विमान सबसे एडवांस है और उसे पिछले साल फरवरी में भारतीय पायलट अभिनंदन ने मिग वायसन से ही गिरा दिया था। चीन के पास सबसे एडवांस जे-20 लड़ाकू विमान है, चीन इसे दुनिया का सबसे एडवांस लड़ाकू विमान बताता है। लेकिन चीन के इस विमान के साथ दिक्कत ये है कि इसे दुनियाभर में किसी भी लड़ाई में टेस्ट नहीं किया गया है। जबकि दूसरी ओर राफेल को दुनियाभर में कई लड़ाइयों में आजमाया जा चुका है।

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