लखनऊ: तेंदुए को नहीं पकड़ पाई रेस्क्यू टीम, फिर एसएचओ ने मार दी गोली

आशियाना की औरंगाबाद खालसा कॉलोनी में छिपे तेंदुए को आखिरकार वन विभाग की टीम जिंदा नहीं पकड़ सकी। तेंदुए की धरपकड़ में घायल होने के बाद आशियाना थाना प्रभारी त्रिलोकी सिंह ने शनिवार सुबह उसे गोली मार दी। हालांकि, वन विभाग की टीम काफी देर तक इस बात को दबाती रही कि तेंदुआ मरा नहीं है, उसे सिर्फ ट्रैंकुलाइज किया गया है। तेंदुए के शव को जू ले जाया गया है।
शनिवार तड़के लोगों ने तेंदुए को इलाके में घूमते देखा तो वन विभाग की टीम को खबर की लेकिन टीम ने ध्यान नहीं दिया। पुलिस भी हाथ पर हाथ धरे बैठी रही। टीम ने कहा कि अब जनता के साथ-साथ टीम के लोगों की भी जान पर खतरा मंडरा रहा है। बिना पीएसी के ऑपरेशन संभव नहीं है।खबर पाकर जब पत्रकार मौके पर पहुंचे तो रेस्क्यू टीम और पुलिस एक्शन में आई। लेकिन, लेटलतीफी से गुस्साई जनता ने रेस्क्यू टीम और पुलिस के साथ-साथ पत्रकारों पर भी पथराव कर दिया। इसमें कई लोगों को चोट आई।
इसी बीच तेंदुआ जाल फाड़कर कॉलोनी निवासी शोएब के घर में जा घुसा। यहां मौजूद मुन्ना उर्फ मुजीर (30) और रजी (18) पर उसने हमला कर जख्मी कर दिया। तेंदुए के कॉलोनी में घुसते ही भगदड़ मच गई। शोएब के मकान की रसोई में दुबके तेंदुए को पकड़ने के लिए आशियाना इंस्पेक्टर त्रिलोकी सिंह सिपाहियों के साथ पहुंचे। हिंसक जीव ने उन पर भी हमला कर दिया।
काफी देर तक वह तेंदुए को काबू करने में लग रहे। इस दौरान तेंदुए ने उनके सिर और दाहिने हाथ में गंभीर घाव कर दिया। तेंदुआ जब काबू में नहीं आया तो इंस्पेक्टर ने तीन राउंड फायरिंग की, जिसमें से दो गोलियां तेंदुए को जा लगीं और उसने मौके पर ही दम तोड़ दिया।
इस दौरान वन विभाग की टीम घटनास्थल से करीब एक किमी. दूर खड़ी नजर आई। तेंदुए की मौत को भी करीब एक घंटे तक दबाए रही। जब भीड़ ने हल्ला किया तब तेंदुए के मरने की पुष्टि की गई। उसके शव को लखनऊ जू ले जाया गया है। वहीं,आशियाना एसएचओ की बहादुरी से खुश होकर आईजी ने उन्हें 50,000 रुपये इनाम देने की घोषणा की है।





