इजरायल से तनाव के बीच ईरान में बड़ा हमला, पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत से हड़कंप
इजरायल से तनाव के बीच ईरान में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। ईरान से सटी पाकिस्तान सीमा पर आतंकी हमले में ईरान के पांच सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई। सरकारी समाचार एजेंसी आईआरएनए के अनुसार, मारे गए सुरक्षाकर्मी रिवोल्यूशनरी गार्ड के बासिज बल के बलूच सदस्य थे। ये सभी सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत के सरवन सिटी में मारे गए। अभी तक किसी समूह ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
तीन आतंकी ढेर, नौ गिरफ्तार
सरकारी टीवी पर प्रसारित समाचार में बताया गया था कि रिवोल्यूशनरी गार्ड ने एक अभियान में तीन आतंकियों को मार गिराया और नौ को गिरफ्तार किया। समाचार में यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि किस आतंकी समूह के साथ मुठभेड़ हुई है। पिछले महीने अज्ञात बंदूकधारी ने रिवोल्यूशनरी गार्ड के प्रमुख समेत चार लोगों की हत्या कर दी थी।
सितंबर में भी हुआ था बड़ा हमला
सितंबर में सिस्तान एवं बलूचिस्तान प्रातों में चार सीमा रक्षकों की हत्या कर दी गई थी। बलूचों के अधिकार की मांग करने वाले जैश अल-अदल ने एक अधिकारी और दो सैनिकों की जान लेने की बात स्वीकार की थी। अफगानिस्तान और पाकिस्तान से सटे सुन्नी बहुल प्रांत में सक्रिय आतंकियों के कारण पाकिस्तान और ईरान के बीच कई बार तनातनी की स्थिति पैदा हो चुकी है।
झड़प का केंद्र बन रहा सरवन का इलाका
ईरान फ्रंट पेज के मुताबिक आतंकवादियों की तलाश में सुरक्षा बल जुटे हैं। सिस्तान और बलूचिस्तान प्रांत में सरवन का सीमावर्ती क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों में ईरानी सुरक्षा बलों और आतंकवादी समूहों व ड्रग तस्करों के बीच झड़प का केंद्र बना है। मई महीने में सरवन के माजे-सर में सशस्त्र आतंकवादियों और इस्लामी क्रांति विरोधी समूहों के बीच झड़प में पांच ईरानी सीमा रक्षकों की जान गई थी। अप्रैल में दक्षिण-पूर्वी प्रांत में एक आतंकवादी हमले में वरिष्ठ ईरानी पुलिस अधिकारी की मौत हुई थी।
इजरायल और ईरान के बीच तनाव जारी
हमास और हिजबुल्लाह के साथ युद्ध के बाद से ही इजरायल और ईरान के बीच तनाव जारी है। पिछले छह महीने में ईरान ने इजरायल पर दो बार हमला किया। जवाब में इजरायल ने 26 अक्टूबर को दर्जनों लड़ाकू विमानों से ईरान की राजधानी तेहरान और आसपास के इलाकों पर हमला किया। अब ईरान ने भी जवाबी कार्रवाई की बात कही है। उधर, अमेरिका ने कहा कि वह हर हाल में इजरायल की रक्षा करेगा। अमेरिका ने अपने कई विमानों को मध्य पूर्व में भेजा है।