बाइडन का प्रदर्शन भी नहीं दोहरा पाईं कमला हैरिस, 7 स्विंग राज्यों ने बिगाड़ा खेल

अमेरिका में राष्ट्रपति बनने के लिए 270 सीटों पर जीतना जरूरी है। इतनी सीटें हासिल करने के लिए सात स्विंग स्टेट्स में विजय आवश्यक है। ट्रंप की रिपब्लिकन पार्टी ने इस बार सातों स्विंग राज्यों यानी पेनसिल्वेनिया, मिशिगन, विस्कान्सिन, नेवाडा, जार्जिया, एरिजोना और नार्थ कैरोलिना में जीत हासिल की। इन राज्यों में उनकी जीत व्हाइट हाउस में उनकी वापसी सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण साबित हुई।

बता दें कि ये स्विंग राज्य ऐसे राज्य हैं जो पारंपरिक रूप से ‘ब्लू’ डेमोक्रेट या ‘रेड’ रिपब्लिकन के पक्ष में नहीं हैं, इसलिए इन्हें ‘पर्पल’ राज्य के रूप में जाना जाता है। अमेरिका की आबादी का पांचवां हिस्सा होने के कारण ये राज्य अंतत: अगले अमेरिकी राष्ट्रपति का फैसला करते हैं। इन स्विंग स्टेट में कुल 93 सीटें हैं। इनमें पेनसिल्वेनिया की 19, नेवाडा की छह, नार्थ कैरोलिना व जार्जिया की 16-16, एरिजोना की 11, मिशिगन की 15 और विस्कान्सिन की 10 सीटें शामिल हैं।

स्विंग राज्यों ने यूं मतदान किया?

पेनसिल्वेनिया: ट्रंप ने इस साल डेमोक्रेट से इस महत्वपूर्ण राज्य को वापस छीन लिया। 50.9% वोट हासिल किए और सभी 19 इलेक्टोरल कालेज वोट हासिल किए। कमला हैरिस ने 48.2% वोट हासिल किए। 2012 में डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस राज्य में विजय हासिल की थी। पेनसिल्वेनिया में शहरी, उपनगरीय और ग्रामीण मतदाताओं का मिश्रण हैं। इनके राजनीतिक विचार भी अलग-अलग हैं। 2020 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद जीतने के लिए जो बाइडन के लिए पेनसिल्वेनिया में जीत महत्वपूर्ण साबित हुई।

नार्थ कैरोलिना: इस दक्षिण पूर्वी राज्य में भी राष्ट्रपति ट्रंप और कमला हैरिस के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिली। रिपब्लिकन ने 16 इलेक्टोरल कालेज वोट जीते और यहां 51.1% वोट हासिल किए। हैरिस 47.7त्‍‌न वोटों के साथ पिछड़ गईं। यहां युवा पेशेवरों की ज्यादा तादाद है।

जार्जिया: इस पारंपरिक रिपब्लिकन गढ़ में ट्रंप ने 50.8% वोट हासिल करके डेमोक्रेट को पछाड़ दिया। हैरिस को यहां 48.5% वोट मिले। यह राज्य विकसित और विविधतापूर्ण जनसांख्यिकी के लिए जाना जाता है।

नेवाडा: ट्रंप ने इस पश्चिमी अमेरिकी राज्य में कमला हैरिस के 46.8% वोटों की तुलना में 51.5% वोट किए। नवाडा के मतदाताओं ने वर्तमान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से पहले डेमोक्रेट ओबामा और क्लिंटन का समर्थन किया था। इस राज्य में बड़ी हिस्पैनिक आबादी है, एक बढ़ता हुआ एशियाई अमेरिकी समुदाय है। यहां श्रमिक संघों की एक दमदार मौजूदगी है और ये अक्सर डेमोक्रेट की ओर झुकते हैं।

एरिजोना: अप्रवासी संकट से जूझ रहे मेक्सिको के सीमावर्ती राज्य में ट्रंप ने करीब 51% वोट हासिल किए। हैरिस को यहां 48.3% वोट मिले।

विस्कॉन्सिन: ट्रंप को यहां 51% वोट मिले जबकि हैरिस 47.6% वोट हासिल कर पिछड़ गईं। यहां 2016 में ट्रंप और 2020 में बाइडन ने जीत हासिल की थी।

मिशिगन: ट्रंप ने इस पारंपरिक डेमोक्रेटिक गढ़ में 51.1% वोट प्राप्त किए। हैरिस को 47.2% वोट मिले।

ग्रामीण क्षेत्रों में ट्रंप को मिली बढ़त

ग्रमीण क्षेत्रों में डोनाल्ड ट्रंप को पिछले चुनाव की अपेक्षा अधिक मत मिले। विश्लेषकों का मानना है कि उपनगरी और शहरी क्षेत्रों में अल्पसंख्यक समुदाय ने कमला हैरिस के समर्थन में उस तरह से मेहनत नहीं की जैसा उसने 2020 में जो बाइडन के समर्थन में किया था। यही वजह है कि हैरिस को जॉर्जिया, उत्तरी कैरोलिना, पेंसिल्वेनिया और विस्कॉन्सिन जैसे स्विंग राज्यों में हार का मुंह देखना पड़ा।

बाइडन का प्रदर्शन नहीं दोहरा सकीं हैरिस

2020 में जो बाइडन ने न्यू जर्सी में 16 अंकों की जीत दर्ज की। मगर हैरिस सिर्फ पांच अंकों तक सिमट गईं। वर्जीनिया में बाइडन ने 10 अंकों से जीता दर्ज की थी। मगर यहां भी हैरिस पांच अंक से आगे रहीं। ट्रंप को करीब 71 मिलियन से अधिक वोट मिले हैं। 2020 में बाइडन को 80 मिलियन से अधिक वोट मिले थे। तब डोनाल्ड ट्रंप ने मतदान में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था।

ट्रंप ने इन मतदाताओं का भी मिला साथ

फिलाडेल्फिया और पिट्सबर्ग जैसे उपनगरीय और शहरी क्षेत्रों में हैरिस को 80 प्रतिशत से कम वोट मिले। यह आंकड़ा जो बिडेन को मिले वोटों से भी कम है। खास बात यह है कि ये इलाका डेमोक्रेटिक पार्टी का गढ़ है। कहा जा रहा है कि आर्थिक, सांस्कृतिक और लैंगिक कारणों से बड़ी संख्या में अश्वेत और हिस्पैनिक पुरुष मतदाताओं ने ट्रंप का साथ दिया।

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