भोपाल: इज्तिमा से फारिग होकर मौलाना सआद निकले मुलाकात पर, काजी ए शहर की खैरियत जानी

चार दिन के मजहबी समागम में शामिल होने भोपाल आए दिल्ली मरकज के मौलाना सआद साहब कांधलवी ने सोमवार शाम को शहर में कुछ लोगों से मुलाकात की। इसके बाद रात को वे दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सारा साल तबलीग और मरकज के कामों में मसरूफ रहने वाले मौलाना सआद साहब साल में एक बार ही भोपाल आ पाते हैं। आलमी तबलीगी इज्तिमा के दौरान यहां आने पर कुछ खास लोगों से मुलाकात कर वे शहर भोपाल से अपने करीब होने का अहसास कराते हैं।  29 नवंबर को भोपाल आए मौलाना सआद साहब हर शाम मगरिब की नमाज के बाद बयान कर रहे थे। सोमवार सुबह भी उन्होंने दुआ ए खास से पहले उन्होंने तबलीग की मुख्य 6 बातों पर बयान किया। उसके बाद उन्होंने दुआ कराई। 

पहुंचे शहर काजी से मुलाकात करने 

मौलाना सआद साहब कांधलवी शाम को जब इज़्तिमा की व्यस्तता से फारिग हुए तो उन्होंने काजी ए शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी से मुलाकात का इरादा किया। शाम करीब पांच बजे शहर काजी के घर पहुंचे मौलाना सआद साहब ने उनकी तबियत का हाल जाना। वे करीब आधा घंटे तक रुके। इस दौरान उनके साथ उनके बेटे मौलाना यूसुफ़ और मौलाना इलयास कांधलवी और दिल्ली मरकज के अन्य जिम्मेदार मौजूद थे। इस मुलाकात में भोपाल मरकज के इकबाल हफीज भी शामिल थे। बताया जा रहा है कि शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी से मुलाकात के बाद मौलाना सआद साहब ने कुछ और मुलाकातें की। रात के खाने के बाद वे अपनी पूरी टीम के साथ दिल्ली के लिए रवाना हो गए। 

कंजे मियां की दावत की जाती है याद

आलमी तबलीगी इज्तिमा के आखिरी दिन शाम को ताजुल मसाजिद में एक आलीशान दावत का आयोजन होता रहा है। यह दावत ताजुल के जिम्मेदार रहे जावेद उर्फ कंजे मियां आयोजित करते थे। इस दौरान शहर के उलेमा और गणमान्य नागरिक भी मौजूद रहते थे। इस दावत के दौरान लोगों को मौलाना सआद साहब से करीबी मुलाकात करने या पास से देखने का मौका मिल जाता था। कंजे मियां की इस दावत के इंतजाम को व्यवस्थित करने के लिए इज़्तिमा प्रबंधन से जुड़े अतीक उल इस्लाम की भी खास भूमिका रहती थी। लेकिन कंजे मियां के इंतकाल और अतीक उल इस्लाम की शदीद बीमारी ने इस दावत के रास्ते रोक लिए हैं। हालांकि इसकी जगह कुछ नई दावतों ने ले ली है।

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