बंगाल में चार दिनों में जीबीएस से तीन और महाराष्ट्र में एक की मौत, 19 नए मामले मिले
देश के कई राज्यों में जीबीएस (गुलियन बैरे सिंड्रोम) के मामले सामने आ रहे हैं। बंगाल में तो पिछले चार दिनों में इस बीमारी के कारण एक बच्चे सहित तीन लोगों की मौत हो गई है, हालांकि राज्य स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक आधिकारिक तौर पर मौतों के कारण की पुष्टि नहीं की है। तीनों लोगों की मौत कोलकाता और हुगली जिले के सरकारी अस्पतालों में हुई है।
जयपुर में तीन मरीज मिले
महाराष्ट्र में भी इस बीमारी से एक महिला की मौत हो गई है, जबकि राज्य में बीमारी के 16 नए मामले मिले हैं। रविवार को भी सोलापुर के एक 40 वर्षीय व्यक्ति की इससे मौत हो गई थी। उधर, जयपुर स्थित सवाई मान सिंह अस्पताल में भी तीन मरीज मिले हैं।
हुगली जिले के व्यक्ति की मौत हो गई
सूत्रों ने बताया कि बंगाल में दो मृतक उत्तर 24 परगना जिले और एक हुगली जिले का रहने वाला था। तीनों के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि उनकी मौत जीबीएस के कारण हुई। एक व्यक्ति की मौत 26 जनवरी को कोलकाता के बीसी राय अस्पताल में हुई थी, जबकि शहर के एनआरएस मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में इलाज करा रहे आमडांगा के किशोर की अगले दिन मौत हो गई। हुगली जिले के व्यक्ति की बुधवार को वहां के एक अस्पताल में मौत हो गई।
जीबी सिंड्रोम से पीडि़त चार और बच्चों का बीसी राय अस्पताल व बाल स्वास्थ्य संस्थान में इलाज चल रहा है। स्वास्थ्य विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बंगाल में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है और घबराने की कोई बात नहीं है। मालूम हो कि जीबीएस एक दुर्लभ स्थिति है जो अचानक सुन्नता और मांसपेशियों की कमजोरी का कारण बनती है, जिसमें अंगों में गंभीर कमजोरी, दस्त आदि शामिल हैं।
जीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले
डॉक्टरों के अनुसार, जीवाणु और वायरल संक्रमण आमतौर पर जीबीएस का कारण बनते हैं क्योंकि वे रोगियों की प्रतिरक्षा को कमजोर करते हैं। महाराष्ट्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पुणे की एक 56 वजीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले हैंर्षीय महिला की सरकारी अस्पताल में जीबीएस से मौत हो गई है, उसे अन्य बीमारियां भी थीं।
स्वास्थ्य विभाग ने एक बयान में बताया कि अभी तक जीबीएस के 127 संदिग्ध मरीज मिले हैं, इनमें से नौ पुणे जिले से बाहर के हैं। 72 मरीजों में जीबीएस की पुष्टि हो चुकी है और 20 मरीज फिलहाल वेंटिलेटर पर हैं।
रक्त के 200 नमूने भी एनआइवी भेजे गए
बयान के अनुसार, अभी तक मल के 121 नमूने शहर में स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ वायरोलाजी (एनआइवी) में भेजे गए हैं और सभी का परीक्षण किया गया है। 21 नमूनों में नोरो वायरस और पांच नमूनों में कैंपिलोबैक्टर की पुष्टि हुई है। रक्त के 200 नमूने भी एनआइवी भेजे गए हैं और सभी नमूनों में जीका, डेंगू व चिकनगुनिया की पुष्टि नहीं हुई है।