हमले से पहले मंदिर में घुसे थे आतंकी: सेना पर पिछली बार की तरह ही अटैक करना चाहते थे

अखनूर की एलओसी पर आतंकी पिछले हमलों की तरह ही नुकसान पहुंचाना चाहते थे। ठीक वैसे ही जैसे पूर्व में कठुआ, डोडा, पुंछ के भट्टादुड़ियां, कश्मीर के बारामुला में किया गया, लेकिन आधी अधूरी योजना से आतंकी ऐसा करने से चूक गए।

सूत्रों का कहना है कि हमला करने से पहले आतंकियों को किसी से फोन पर बात करनी थी। ये संभवत: कोई स्थानीय गाइड या फिर सीमा पार बैठा हैंडलर हो सकता है। बात करने के लिए आतंकियों को एक मोबाइल फोन चाहिए था। मोबाइल की तलाश में ही आतंकी मंदिर में घुसे, लेकिन मंदिर में उन्हें बच्चे मिले, जिनके पास मोबाइल फोन नहीं था। यही कारण है कि आतंकियों की फायरिंग सिर्फ सेना के काफिले में शामिल आखिर वाले एंबुलेंस वाहन तक ही हुई। जब तक सेना का काफिला उनके नजदीक पहुंचता, तब तक उनकी हद में एंबुलेंस ही आई। बताया जा रहा है कि मंदिर में घुसने और वहां से जाते वक्त आतंकियों ने एक मूर्ति को भी खंडित कर दिया।

सेना की वर्दी में थे आतंकी, मंदिर में बच्चों को पीटकर भगा दिया
बताया जा रहा है कि जब तीन बच्चे मंदिर में माथा टेकने के लिए पहुंचे। वहां मौजूद आतंकियों ने उन्हें घेर लिया। बच्चों से मोबाइल फोन मांगा। जब बच्चों ने कहा कि उनके पास फोन नहीं है तो आतंकियों ने उनके साथ मारपीट की। एक बच्चे के सिर पर पिस्तौल तान दी। आधे घंटे तक बंदी बनाए रखा। बाद में बच्चों को छोड़ दिया गया। बच्चों ने बताया कि आतंकी सेना की वर्दी में थे।

रात में ही घुसे थे आतंकी
सूत्रों का कहना है कि हमले में शामिल आतंकी रविवार की रात ही एलओसी से घुसे थे। जिन्हें किसी स्थानीय गाइड ने मंदिर तक पहुंचाया। आतंकियों के पास सेना के काफिले के निकलने की जानकारी थी, लेकिन जानकारी सटीक न होने के चलते वे चूक गए। ये भी बताया जा रहा है कि आतंकियों को मदद करने वाले गाइड से सही संपर्क न होने से आतंकी अंजाम नहीं दे पाए।

सैन्य वाहनों पर पिछले हमले
16 जुलाई: डोडा में सैन्य वाहन पर हमला। 4 जवान बलिदान।
8 जुलाई: कठुआ में बिलावर के पास सैन्य ट्रक पर हमला, 5 जवान बलिदान।
24 अक्तूबर: बारामुला के गुलमर्ग में सैन्य वाहनों पर हमला, 3 जवान बलिदान
20 अप्रैल 2023: पुंछ के भाटादुड़ियां में सैन्य वाहन हमला, 4 जवान बलिदान
28 अक्तूबर 2023 : अखनूर एलओसी पर सैन्य काफिले पर हमला, कोई आहत नहीं

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