ए. आर. रहमान यानी एक संगीतकार जिसके गानों में ऐसा जादू है जो सुनने वालों के रूह तक उतर जाती है। रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। उनका पूरा नाम अल्लाह रक्खा रहमान है। इस साल वो 51 साल के हो गए।
ए. आर. रहमान यानी एक संगीतकार जिसके गानों में ऐसा जादू है जो सुनने वालों के रूह तक उतर जाती है। रहमान का जन्म 6 जनवरी 1966 को तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में हुआ था। उनका पूरा नाम अल्लाह रक्खा रहमान है। इस साल वो 51 साल के हो गए।
रहमान को संगीत अपने पिता से विरासत में मिली है। उनके पिता आर. के. शेखर मलयाली फिल्मों से जुड़े थे। रहमान जब नौ साल के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया। जिसके बाद पैसों के लिए घरवालों को वाद्ययंत्र तक बेचने पड़े थे। रहमान का असली नाम दिलीप कुमार है लेकिन पिता के निधन के बाद ऐसा कुछ हुआ कि उन्होंने अपना धर्म बदल लिया।
रहमान की मां को सूफी संत पीर करीमुल्लाह शाह कादरी पर बहुत भरोसा था। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि ‘पिता के निधन के 10 साल बाद मां के साथ हम कादरी साहब से मिलने गए थे। वो अस्वस्थ थे और मेरी मां ने उनकी देखभाल की थी। वो उन्हें अपनी बेटी मानते थे। मैं उस समय 19 साल का था। कादरी साहब से मिलने के 1 साल बाद मैं अपने परिवार के साथ कोदाम्बक्कम शिफ्ट हो गया।
रहमान को समझ आ गया था कि एक रास्ते को चुनना ही सही है। सूफिज्म का रास्ता उन्हें और उनकी मां दोनों को बहुत पसंद था इसलिए उन्होंने सूफी इस्लाम को अपना लिया था। रहमान को अपना असली नाम दिलीप कुमार पसंद नहीं था। नाम बदलने के बारे में उन्होंने इंटरव्यू में बताया कि ‘मुझे अपना नाम पसंद नहीं था। मेरी इमेज पर मेरा नाम सूट नहीं करता था।’
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रहमान ने आगे बताया कि ‘सूफिज्म अपनाने के पहले एक ज्योतिष के पास बहन की कुंडली दिखाने गए थे। उस समय मैं अपना नाम बदलना चाहता था और अपनी नई पहचान बनाना चाहता था। ज्योतिष ने मुझसे कहा कि अब्दुल रहमान और अब्दुल रहीम नाम मेरे लिए अच्छा रहेगा। मुझे रहमान नाम पसंद आ गया। मेरी मां चाहती थीं कि मैं अपने नाम में अल्लाह रक्खा भी जोडूं। इस तरह मैं ए. आर. रहमान बन गया।’