भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) एक नया नियम लागू करने जा रही है, जो मैच के बाद होने वाली प्रेजेंटेशन सेरेमनी पर असर डालेगी। नए नियम के मुताबिक मैच के बाद होने वाली प्रेजेंटेशन सेरेमनी में राज्य संघ के सिर्फ एक ही प्रतिनिधि को स्टेज पर खड़े होने की अनुमति मिलेगी। इससे पहले इंटरनेशनल मैच की मेजबानी के दौरान राज्य संघ के सभी सदस्यों को स्टेज पर आमंत्रित किया जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा।
दरअसल, तेजी से आने वाली स्पांसरशिप डील्स की वजह से स्पांसर भी स्टेज पर दिखना चाहते हैं। इसे देखते हुए बीसीसीआई ने अपने नियम में बदलाव करने का मन बनाया है। बहरहाल, नए नियम के मुताबिक अगर राज्य का मंत्री, राजनेता या प्रशासक इस सेरेमनी का हिस्सा बनना चाहते हैं, तो उन्हें राज्य संघ सदस्य का कोटा लेना होगा।
इसके अलावा बीसीसीआई अधिकारियों को अलग से जगह दी जाएगी। बीसीसीआई ने पहले से ही सभी संघों को इन बदलावों के बारे में सूचित कर दिया है। टीम इंडिया और न्यूजीलैंड के बीच तीसरे टी20 इंटरनेशनल के दौरान, केसीए स्पोर्ट्स मंत्री को प्रेजेंटेशन सेरेमनी में शामिल होना था। मगर नए नियम के मुताबी अगर अगली बार ऐसा करना हुआ तो फिर केसीए अधिकारी को अपनी जगह उन्हें देना होगी।
यह स्पॉन्सर्स को देखते हुए एक उत्साही बदलाव है, जो गेम में अच्छा खासा रुपया खर्च करते हैं, इसलिए वे प्राइज को अपने हाथ से देने के हकदार हैं। एक बोर्ड अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा, ‘हमने सभी संघों को बताया है कि आप मैच के बाद होने वाली प्रेजेंटेशन सेरेमनी के लिए एक सदस्य को नॉमिनेट कर सकते हैं। इसके मुताबिक मुख्यमंत्री, मंत्री या उस राज्य संघ से कोई एक अधिकारी हो सकता है। एक वक्त था जब हम पोस्ट मैच प्रेजेंटेशन में एक लंबी लाइन देखते थे, जिसका कोई मतलब नहीं होता था। वो चीजें अब बंद हो गई हैं।’
एमसीआई के अधिकारियों ने कहा, ‘हमें बीसीसीआई ने कहा था कि वहां सिर्फ एक व्यक्ति एमसीए प्रतिनिधि के तौर पर रह सकता है। शरद पवार और आशीष शेल दोनों एमसीए के पदस्थ अधिकारी थे। हमें साफतौर पर बोला गया था कि हम या तो पवार साहब को इजाजत दें या फडणवीस को। क्यों कोई पेटीएम वाला चाहेगा कि उसकी ओर से किसी राज्य का चीफ मिनिस्टर उसके कंपनी के लोगो के साथ अवॉर्ड बांटे। वे इसके लिए बहुत पैसा दे रहे हैं। पहले के दिनों में ये अलग था, जब क्रिकेट में इतना पैसा नहीं हुआ करता था, लेकिन चीजें अब बहुत बदल गई हैं।’