पाकिस्तान से दुल्हन बनकर बरेली आईं अफ्शा, फिर हुआ कुछ ऐसा की सब रह गये देखते

कुलभूषण जाधव के मुद्दे पर पाकिस्तानी हुकूमत के रवैये से दोनों देशों के संबंधों में आए कसैलेपन के बीच पाकिस्तान की अफ्शा बरेली के अली शान की दुल्हन बनकर भारत पहुंची हैं। अफ्शा भारत आकर जहां अपने घर जैसा माहौल मिलने से खुश हैं, वहीं उनकी डोली लाने पाकिस्तान गए अली शान के परिवार के लोग वहां मिले अपनेपन से अभिभूत हैं।
पाकिस्तान से दुल्हन बनकर बरेली आईं अफ्शा, फिर हुआ कुछ ऐसा की सब रह गये देखते  बुजुर्गों की मानी जाए तो करीब दो दशक बाद यह पहला मौका है जब पाकिस्तान से कोई बहू भारत आई है। अफ्शा को लेकर पाकिस्तान से लौटे मठिया बिहारीपुर में रहने वाले शान ईंट भट्ठे वालों के परिवार का कहना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच इंसानी सतह पर कहीं कोई दुराव नहीं झलकता। चाहे राजनेता हों या फौजी या फिर आम आदमी, सभी आपस में मेलजोल चाहते हैं। अली शान वसीम इम्तियाज के बेटे हैं जिनकी शादी लाहौर निवासी सुहेल अख्तर की बेटी अफ्शा से हुई है। उनकी बारात यहां से पांच दिसंबर को गई थी। पाकिस्तान में 11 दिसंबर को शादी की रस्म पूरी हुई। सोमवार को बाराती दुल्हन के साथ लौटे तो बरेली जंक्शन पर उनका स्वागत किया गया।

अली शान के वालिद वसीम इम्तेयाज ने बताया कि जब लाहौर में खरीदारी करने पहुंचे और मोल भाव करने लगे तो दुकानदारों ने कहा आप हमारे देश की बेटी ले जा रहे हैं, नफा नहीं लेंगे। आदर सत्कार भी किया। उन्होंने बताया कि अब वलीमा करना है मगर वहां से आ रहे लगभग 40 लोगों का वीजा कराना है। इसके लिए केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार भी मदद कर रहे हैं। उन्होंने दिल्ली बुलाया है जहां वे विदेश मंत्री सुषमा सुराज से बात करेंगे।

बहुत अच्छा माहौल है भारत का: अफ्शा
अफ्शा का कहना है कि यहां आकर लग ही नहीं रहा है कि वह अपना देश छोड़ आई है। सोमवार को ही आई थी और शाम को एक बारात में जाने का मौका मिला। बहुत अच्छा माहौल लगा। बोलीं, जहां तक भारत पाकिस्तान के बीच तल्खी की बात है तो उसकी राजनीतिक वजह हो सकती है, मगर उन्हें नहीं लगता कि लोगों के दिलों में कहीं कोई फर्क है।

 

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