अयोध्या : प्रथम और द्वितीय तल पर सीमित संख्या में जा सकेंगे रामभक्त

 राम मंदिर के प्रथम व द्वितीय तल का निर्माण अब पूर्णता की ओर है। अगले वर्ष जनवरी में प्रथम तल पर राम दरबार की भी स्थापना होने के आसार हैं। द्वितीय तल पर ‘रामकथा का संसार’ बसाने यानी संग्रहालय निर्माण की प्रक्रिया भी शुरू है।

भूतल के सापेक्ष प्रथम व द्वितीय तल पर कम स्थान उपलब्ध होने से सीमित संख्या में ही भक्तों को प्रवेश देने की बात कही जा रही है। यद्यपि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के पदाधिकारी इस पर बाद में निर्णय लेने की बात कर रहे हैं।

2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्मित

70 एकड़ के रामजन्मभूमि परिसर में 2.77 एकड़ भूमि पर राम मंदिर निर्मित कराया गया है। शेष भूमि पर सप्तर्षि मंदिर, देवी-देवताओं के मंदिर, परकोटा, कुबेर टीला, ऑडिटोरियम, संत निवास सहित अन्य प्रकल्प बन रहे हैं। राम मंदिर में भूतल के अलावा दो अन्य तल भी हैं। प्रथम तल बन गया है। फिनिशिंग व स्तंभों पर नक्काशी चल रही है, द्वितीय तल का निर्माण जारी है। इसी पर मंदिर का मुख्य शिखर बनना है। मंदिर पूर्णरूपेण बनने के बाद अन्य दोनों तलों पर कितने भक्तों को प्रवेश दिया जाए, इस पर मंथन शुरू हो गया है।

सभी श्रद्धालुओं का प्रवेश यहां नहीं है संभव

भूतल के मुकाबले प्रथम व द्वितीय तल पर कम स्थान होने के कारण सभी श्रद्धालुओं का प्रवेश संभव नहीं है। भूतल जहां लगभग 19 हजार वर्ग फीट भूमि पर बना है तो प्रथम तल 11 हजार वर्ग फीट में और द्वितीय तल सात हजार वर्ग फीट में निर्मित है। इस तरह भूतल की अपेक्षा प्रथम तल पर आठ हजार वर्ग फीट और द्वितीय तल पर 12 हजार वर्ग फीट स्थान कम है।

ये है वजह

दरअसल, भूतल पर गुढ़ी मंडप, नृत्य मंडप व रंग मंडप निर्मित होने के कारण दोनों तल पर जगह कम हो गई है। भूतल पर ही उत्तर व दक्षिण दिशा में सीढ़ियां निर्मित कराई गई हैं। दक्षिण दिशा वाली सीढ़ियों से श्रद्धालु ऊपर भेजे जाएंगे और उत्तर दिशा की सीढ़ी से नीचे आएंगे।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य डा. अनिल कुमार मिश्र कहते हैं, मंदिर के भूतल की तरह सभी भक्तों को प्रथम व द्वितीय तल पर भेज पाना संभव नहीं होगा, इसलिए कोई न कोई व्यवस्था तो जरूर बनाई जाएगी। पहली प्राथमिकता समय पर निर्माण पूरा कराना है। वहीं, राम मंदिर के व्यवस्थापक व ट्रस्ट के आमंत्रित सदस्य गोपाल राव ने कहाकि लोगों की संख्या के संबंध में अभी निर्णय नहीं लिया गया है। बाद में कोई विशेष व्यवस्था बनाई जाएगी। 

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