भुगतान के समय आपके डेबिट कार्ड के साथ होता है ये बड़ा धोखा, पढ़े पूरी खबर…

जब भी आप किसी दुकान पर डेबिट कार्ड  से भुगतान करते हैं, तो आपको न सिर्फ खरीदे गए सामान का बिल चुकाना पड़ता है, बल्क‍ि आपको कार्ड का यूज करने के लिए एक फीस भी चुकानी पड़ती है.

इस फीस को एमडीआर चार्जे अथवा मर्चेंट डिस्काउंट रेट कहा जाता है. हालांकि हर बार जब भी आप से एमडीआर चार्ज के नाम पर वसूली की जाती है, तो इस दौरान कई दुकानदार आप से धोखा कर जाते हैं.

याद कीजिए कुछ दुकानों पर जब भी आप ने डेबिट कार्ड यूज किया है, तो आप से 2 फीसदी एक्स्ट्रा चार्ज इसके लिए मांगा जाता है. यहीं आपके साथ धोखा होता है.

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दरअसल एमडीआर चार्जेज भारतीय रिजर्व बैंक तय करता है. आरबीआई ने साफ कहा है कि कोई दुकानदार आप से तय रिचार्ज से ज्यादा नहीं वसूल सकता, लेकिन हो इसका उल्टा रहा है. अगर कहीं आप से 2 फीसदी चार्ज वसूला जा रहा है, तो आप  इसे देने से इनकार कर सकते हैं क्योंकि एमडीआर चार्ज इससे काफी कम हैं.

भारतीय रिजर्व  बैंक ने नोटबंदी के बाद कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए एमडीआर चार्ज घटा दिए थे. मौजूदा समय में अगर आप 1,000 रुपये तक का डेबिट कार्ड से लेनदेन करते हैं, तो आपको महज 0.25 फीसदी एमडीआर के तौर पर देना होता है.

यदि आप 1000 से 2000 रुपये से कम लेनदेन करते हैं, तो आपको 0.5 फीसदी एमडीआर चार्ज के तौर पर चुकाना होगा. आरबीआई ने 2000 रुपये तक के लेनदेन के लिए 0.75 फीसदी अध‍िकतम चार्ज तय किया था. वहीं, 2000 रुपये से ज्यादा के लेनदेन के लिए एमडीआर 1 फीसदी तय किया गया था.

 
 
 
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