Asian Games 2018 : गोल्डन बॉय बजरंग पूनिया ने यूपी के इस जिले में कौशल हसिल किया

गोंडा. गोल्डन बॉय बजरंग पूनिया ने जकार्ता एशियाई खेलों में अपने देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर भारत का खाता खोला है। गोल्डन बॉय बजरंग पूनिया हरियाणा से हैं और यूपी के गोंडा जिले के नंदिनी नगर महाविद्यालय में कुश्ती के सारे दांव पेंच सीखकर कौशल हासिल किया है। बजरंग पूनिया ने नंदिनी नगर महाविद्यालय में रहकर ही ट्रेनिंग करने के शुरुआती दौर में अवध यूनिवर्सिटी की ओर से ऑल इंडिया यूनिवर्सिटी चैंपियनशिप में भाग लेकर स्वर्ण पर अपना कब्जा जमाया था।
जापान की दाजी तकातानी को कराया हार का सामना
गोल्डन बॉय बजरंग पूनिया गोंडा जिले के नंदिनी नगर महाविद्यालय का एक छात्र है। जहां रहकर उसने कुश्ती के सारे पेंच सीखे और वहीं पर अपने प्रशिक्षण को पूरा किया। इसके साथ ही उसने हरियाणा में अपने निजी कोच और प्रशिक्षक के मार्गदर्शन में नियमित प्रशिक्षण भी किया है। नियमित प्रशिक्षण करने से ही बजरंग पूनिया ने 65 किग्रा फ्रीस्टाइल फाइनल में जापान की दाजी तकातानी को हार का सामना कराया और देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीतकर भारत के गौरव को बढ़ाया है और इससे पहले भी ऑस्ट्रेलिया, गिरोजिया और इस्तांबुल में आयोजित अंतरराष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी भाग लेकर स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है।
महाविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि
महाविद्यालय के कुश्ती केंद्र के प्रभारी डॉ सत्येंद्र सिंह ने कहा है कि कॉलेज में सभी लोग बजरंग पूनिया की इस बड़ी जीत से बहुत खुश हैं क्योंकि हमारे कॉलेज के छात्र ने देश के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता है। वह चार बार राष्ट्रीय चैंपियन भी रह चुका हैं और दो साल पहले ऑल-इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी कुश्ती चैम्पियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता था और बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि गोल्डन बॉय बजरंग पूनिया की यह जीत नंदिनी नगर महाविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धि है क्योंकि इस कॉलेज के छात्र ने देश के लिए स्वर्ण जीता है।
एक बड़ी उपलब्धि और गर्व का क्षण
कॉलेज के कुश्ती के कोच प्रेमचंद्र यादव ने कहा कि हमें आशा थी कि बजरंग पुणिया ही भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतेंगे और उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर भी दिखा दिया। इसके साथ ही कहा कि जब भी कॉलेज में कुश्ती मैच आयोजित किए जाते थे, वह हमेशा उन खेलों में उपस्थित होते थे और नए पहलवानों के मनोबल को भी बढ़ावा देते थे। बजरंग की जीत हमारे लिए एक बड़ी उपलब्धि और गर्व का क्षण है।
 

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