अपने जोधपुर आश्रम में तीन लेयर की सुरक्षा घेरे में आसाराम

आसाराम ने एक बार फिर से साम्राज्य की बागडोर अपने हाथों में ले ली है। और वो देश भर में फैले अपने आश्रमों की जानकारी ले रहा है। साथ ही साथ आगे की रणनीति भी बना रहा है।

राजस्थान हाईकोर्ट ने आसाराम को अंतरिम जमानत दे दी है। इसके बाद अब आसाराम 31 मार्च तक जेल से बाहर रहेगा। अब सवाल उठ रहा है कि आसाराम कहां पर है? सूत्रों की माने तो आसाराम अभी इलाज के लिए अहमदाबाद नहीं गया है, वो सुरक्षा घेरे में जोधपुर आश्रम में रह रहा है।

सूत्रों की माने तो जो भी लोग इस आश्रम में जा रहे हैं, उनके गेट नंबर एक में दाखिल होते ही सबसे पहले उनका मोबाइल लिया जाता है। यहां किसी भी प्रकार की इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को अंदर ले जाने की अनुमति नहीं है। उसके बाद गेट नंबर दो पर आसाराम के सेवादार लोगों की दोबारा चेकिंग करते हैं और व्यक्ति को अगले गेट पर चेकिंग के लिए भेज देते हैं। फिर तीसरे और अंतिम गेट के बाद आसाराम की कुटिया पड़ती है।

बता दें कि कुटिया में जाने से पहले फिर से सेवादार लोगों की चेकिंग करते हैं। इस तरह से तीन स्टेज पार करने के बाद ही व्यक्ति आसाराम से मिल पाता है। वैसे आसाराम की सुरक्षा के लिए हाईकोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों की व्यवस्था दी है, जो उसके साथ 24 घंटे रहते हैं।

क्या आसाराम अपने साम्राज्य को फिर से खड़ा कर रहा?
सूत्र ये भी बता रहे हैं कि आसाराम ने एक बार फिर से अपने साम्राज्य की बागडोर हाथों में ले ली है। वो देश भर में फैले आश्रमों की जानकारी ले रहा है। वो आगे की रणनीति बना रहा है। आसाराम की कुटिया के बाहर उसके निजी गार्ड (सेवादार) खड़े रहते हैं। वे उसकी सुरक्षा के साथ ही उसके खाने-पीने का इंतजाम भी करते हैं।

आश्रम में लगाया तुलसी का पौधा
आसाराम को 31 मार्च तक अंतरिम जमानत मिली है। जमानत मिलने के बाद आसाराम निजी अस्पताल गया। फिर अपने जोधपुर के पाल स्थित आश्रम गया। आश्रम पहुंचते ही आसाराम को सबसे पहले सारी सुविधाएं मुहैया कराई गई, जिसमें पलंग से लेकर तुलसी का पौधा और टेबल कुर्सी शामिल हैं।

आसाराम की दिनचर्या कुछ इस तरह
आसाराम ने भक्ति में लीन होने के लिए दिनचर्या को बदला है। आसाराम सुबह चार बजे उठता है। फिर सबसे पहले वह स्नान करता है। उसके बाद पूजा अर्चना करता है, फिर वह अपनी भक्ति में लीन हो जाता है।

रविवार को जा सकता है अहमदाबाद
सूत्रों की माने तो आसाराम रविवार को जोधपुर से अहमदाबाद के लिए जा सकता है। वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि आसाराम ने अपने सेवादारों को एक सूची दी है, जिसमें आश्रम से संंबंधित कई सारा सामान लिखा हुआ है। इन सामानों को बाजार से मंगवाया गया है, जिसके बाद ये भी अनुमान लगाया जा रहा है कि वो कुछ और समय के लिए जोधपुर में ठहर सकता है।

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