जैसा माना जाता है, वैसा नहीं होगा सूर्य के बाद ग्रहों का अंजाम, जानिए

हमारे सौरमंडल में सूर्य का अंत के बाद उसके ग्रहों का क्या होगा, इस पर कई सिद्धांत बताए गए हैं.पर अभी तक वैज्ञानिकों को इसकी प्रामाणिक जानकारी नहीं मिली थी. अब जेम्स वेब स्पेस टेलीस्कोप ने ऐसे बाह्यग्रहों की खोज की है जिनके सिस्टम बता रहे हैं कि हमारे सूर्य के खत्म होने के बाद ग्रहों का क्या अंजाम हो सकता है. खास बात यह है कि जो बाह्यग्रह खोजे गए हैं उनके तारे का आकार प्रकार उसी तरह का है जैसा की हमारे सूर्य के अंत के बाद होने का अनुमान है. बाह्यग्रहों की यह खोज बताती है कि उसके बाद मंगल ग्रह के आगे ग्रहों का क्या होगा
वेब टेलीस्कप ने दो बाह्यग्रह खोजे हैं जो अलग अलग मृत तारे या सफेद बौनों का चक्कर लगा रहा हैं. ये ग्रह हमारे सौरमंडल के गैसीय ग्रह शनि और गुरु ग्रह की तरह हैं और सफेद बौने भी सूर्य के अंजाम के बारे में बता रहे हैं. वैज्ञानिक मानते रहे हैं कि सूर्य के सफेद बौने में बदलने के बाद वह गुरु ग्रह तक के सौरमंडल के अंदरूनी ग्रहों को खत्म कर देगा.
रिसर्च की प्रमुख लेखिका सूजन मौलाले का कहना है कि बहुत ही कम ऐसे ग्रह खोजे जा सके हैं जो सफेद तारे का चक्कर लगा रहे हैं. इन ग्रहों की खास बात यह है कि ये ग्रह तापमान, उम्र, भार और कक्षा के अलगाव के लिहाज से अन्य किसी भी ग्रह की तुलना में सौरमंडल के बाहरी ग्रहों से बहुत मेल खाते हैं.
वेब टेलीस्कोप ने डब्ल्यूडी1202-232 और डब्ल्यूडी 2015 -82 सफेद बौने में एक बाह्यग्रह ऐसा है जो हमारी पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी से 11.5 गुना अधिक दूरी पर है. वहीं दूसरा बाह्यग्रह अपने तारे से करीब पृथ्वी- सूर्य से 34.5 गुना दुरी पर है. वैज्ञानिक मानते हैं कि सूर्य का नाभकीय ईंधन 5 अरब साल बाद तक खत्म हो जाएगा जिसके बाद वह लाल बौने की तरह फूलने लगेगा.
जब सूर्य की आंतरिक सतहों का ईंधन खत्म होगा बाहरी परतों का नाभकीय संलयन जारी रहेगा और सूर्य के मरने के बाद इसकी बाहरी परतें फूलने लगेगीं और सूर्य इसके बाद बुध, शुक्र, पृथ्वी और संभवतः मंगल को भी निगल जाएगा. वहीं जब बाहरी परतें ठंडी होंगी तो सूर्य सफेद बौने में बदल जाएगा. पहले माना जाता थी कि बाहरी ग्रह सूर्य के प्रभाव से मुक्त हो कर लावारिस ग्रह हो जाएगे. जबकि यह खोज बताती है कि ये ग्रह मरे हुए तारे का भी चक्कर लगाते रहेंगे.