हिंदू धर्म में इस उंगली से तिलक लगाने से मिलती हैं सफलता…

हिंदू धर्म में तिलक को बेहद शुभ माना जाता है। भगवान की पूजा के समय तिलक लगाने से व्यक्ति को सुख-शांति की प्राप्ति होती है। वहीं व्यक्ति को तिलक विजय के प्रतीक के तौर पर लगाया जाता है। तिलक लगाते समय अक्सर अंगूठा या अनामिका अंगुली का प्रयोग किया जाता है। मगर शास्त्रों में दूसरी अंगुलियों से टीका लगाने के भी महत्व के बारे में बताया गया है।
1. अगर कोई व्यक्ति किसी अच्‍छे काम के लिए घर से बाहर जा रहा होता है तो उसे बीच वाली उंगली से तिलक लगाना शुभ माना जाता है। ये सफलता का प्रतीक होती है।
2. बीच वाली अंगुली को ज्योतिष शास्त्र में मध्यमा के नाम से जानते हैं। ये शनि ग्रह से संबंधित होती है। इसलिए अगर आप किसी एग्जाम, इंटरव्यू या बिजनेस मीटिंग के लिए जाते हैं तो मध्यमा अंगुली से तिलक लगाएं।
3. हिंदू धर्म में भगवान को तिलक लगाने के लिए ज्यादातर अनामिका अंगुली का प्रयोग करते हैं। इसे रिंग फिंगर भी कहते हैं। इससे तिलक लगाने पर समृद्धि आती है।
4. अनामिका अंगुली में सूर्य का वास माना जाता है। इसलिए समाज में मान-सम्मान पाने या किसी खास काम में जीत हासिल करने के मकसद से अनामिका से तिलक लगाया जाता है।
5. हस्तशास्त्र के अनुसार अंगूठे में शुक्र ग्रह का वास होता है। इसलिए इससे तिलक लगाने पर व्यक्ति का भाग्य तेज होता है। इससे जातक को मनपसंद नौकरी मिलती है। साथ ही व्यापार में सफलता मिलती है।
6. पंडित रवि दुबे के अनुसार यदि घर पर कोई लंबे सामय से बीमार है तो उसके माथे पर अंगूठे से चंदन का टीक लगाना चाहिए। ये प्रक्रिया रोजाना करनी चाहिए। इसे रोगी जल्दी ठीक हो जाएगा।
8. जिन भाई-बहनों में आपस में बनती नहीं है उन्हें रक्षाबंधन के दिन अपने भाई के माथे पर अंगूठे से तिलक लगाना चाहिए। इससे संबंध बेहतर बनेंगे। इसके अलावा अंगूठे से तिलक करने को विजय का प्रतीक माना जाता है। इसी कारण युद्ध में जाते समय जवानों का तिलक इसी अंगुली से किया जाता है।
9. भाई दूज के दिन बहन को अपनी सबसे छोटी अंगुली से भाई का तिलक करना चाहिए। क्योंकि इसे यम की अंगुली मानते हैं। इससे तिलक करने पर भाई और आपकी रक्षा होगी।
10. हस्तशास्त्र में हाथ की सबसे छोटी अंगुली को मोक्ष प्राप्ति का जरिया माना जाता है। इसलिए माथे पर इस अंगुली से तिलक लगाने पर मृत्यु के बाद व्यक्ति को स्वर्ग की प्राप्ति होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button