रिश्तों को संवारने के लिए AI Chatbot की मदद ले रहे कपल
आजकल एआई चैटबॉट्स लोगों का करीबी दोस्त बनता जा रहा है। लोग अपने जीवन से जुड़ी हर समस्याओं का समाधान AI Chatbots से ले रहे हैं। कभी कभार के लिए तो ये सही डिसीजन हो सकता है लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए इसके नुकसान भी हो सकते हैं। आइए इसके फायदे और नुकसान के बारे में एक्सपर्ट्स से जानते हैं।
आज की तेज रफ्तार भरी जिंदगी में लोग अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं। इससे उनमें तनाव भी बढ़ता जा रहा है। आज कल रिश्ताें में एडजस्ट करना तो जैसे रह ही नहीं गया है। यही कारण है कि रिश्ताें में दूरियां बढ़ने लगी हैं। अगर कोई रिलेशनशिप में है तो उसे पार्टनर से बात करके ही सुकून मिलता है। हालांकि दूरियों के कारण वो ऐसा नहीं कर पाते हैं। अब मन की बात कहने के लिए किसी की जरूरत ताे पड़ेगी ही, ऐसे में लोग नए तरीकाें की तलाश में जुट जाते हैं।
आजकल कई लोग अपनी फीलिंग्स AI Chatbots पर शेयर कर रहे हैं। ये 24 घंटे आपके लिए हाजिर रहता है। आपको पूरी तरह से सपोर्ट करता है। लेकिन क्या सच में मशीनें (Chatbot Mental Health Support) आपकी बातें समझ सकती हैं? क्या ये आपकी भावनाओं का उतना ही ख्याल रख सकती हैं, जितना कोई अपना रखता है? क्या इन पर ज्यादा भरोसा करना सही है, या ये आपके रिश्तों को और उलझा सकते हैं?
एक्सपर्ट से समझें हर पहलू
नई दिल्ली में तुलसी हेल्थकेयर के सीईओ और सीनियर मनोचिकित्सक डॉ. गौरव गुप्ता और लाइटहाउस काउंसलिंग सेंटर की सह संस्थापक डॉ. गीता श्रोफ ने इस मुद्दे पर अपनी राय साझा की है। उनका मानना है कि चैटबॉट्स कुछ हद तक मददगार हो सकते हैं, लेकिन यह समझना जरूरी है कि ये इंसानी भावनाओं (Digital Mental Health Support) को पूरी तरह नहीं समझ सकते हैं। ऐसे में इनका इस्तेमाल समझदारी से करना चाहिए। आइए जानते हैं, चैटबॉट्स के बढ़ते क्रेज का हमारी जिंदगी, रिश्तों और मानसिक सेहत पर क्या असर पड़ रहा है।
क्या AI चैटबॉट करीबी दोस्त बनकर मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डाल सकते हैं?
डॉ. गौरव गुप्ता ने बताया कि मशीनों का इस्तेमाल करके काम में तेजी लाना सही हो सकता है, लेकिन इंसानों की तरह सहानुभूति, समझ और देखभाल की भावना AI में नहीं हो सकती है। हालांकि, AI चैटबॉट्स एक सुरक्षित और बिना जज किए जाने वाला माहौल देकर मेंटल हेल्थ को बेहतर बना सकता है। ये अकेलेपन और तनाव को कम करने में भी मदद करता है।
AI चैटबॉट्स पर इमोशनल निर्भरता रिश्तों को कैसे प्रभावित करती है?
AI चैटबॉट्स पर इमोशनली निर्भर होना असल जिंदगी के रिश्तों में तनाव पैदा कर सकती है। यह गहरे और महत्वपूर्ण संवाद को कम कर देता है और गलत उम्मीदें पैदा करता है। इससे रिश्ताें में संवाद की कमी हो सकती है।
रिश्तों पर राय मांगना कितना सही है?
एआई चैटबॉट्स से रिश्तों पर सलाह लेना सामान्य है और इससे नए नजरिए मिल सकते हैं, जो समस्याओं को हल करने या सही निर्णय लेने में मददगार हो सकते हैं। लेकिन सलाह हमेशा एक्सपर्ट से ही लेनी चाहिए। सलाह लेना अच्छा हो सकता है, लेकिन आपका आखिरी फैसला अपनी भावनाओं, रिश्तों की कीमत और स्थिति को देखकर ही होना चाहिए।
क्या AI चैटबॉट्स कपल्स को सही सलाह दे सकते हैं या उनके रिश्ते बिगाड़ सकते हैं?
AI चैटबॉट्स कपल्स को सामान्य सलाह दे सकते हैं, जैसे बेहतर संवाद और समस्याओं के समाधान के तरीके। लेकिन यह भावनात्मक समझ नहीं रखते। गंभीर मुद्दों पर ली गई सलाह कई बार गलत साबित हो सकती है। इससे रिश्ते और ज्यादा खराब हो सकते हैं।
जो लोग चैटबॉट्स पर निर्भर होते हैं, क्या यह अकेलेपन का संकेत है?
डॉ. गीता श्रॉफ ने बताया कि बिल्कुल ये अकेलेपन का संकेत हो सकता है। जब उन्हें पार्टनर से सहारा नहीं मिलता है तो वे AI के करीब होते चले जाते हैं। हालांकि, चैटबॉट्स राहत और समर्थन दे सकते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा निर्भरता अधूरी भावनात्मक जरूरतों को दर्शाती है।
क्या चैटबॉट्स से सलाह लेने से समस्याएं हल हो सकती हैं?
AI चैटबॉट्स आपको कोई भी सलाह दे सकता है लेकिन ये बातों को गहराई से हल करने में सक्षम नहीं होते हैं। गंभीर समस्याओं के लिए आप अपने किसी भरोसेमंद या एक्सपर्ट से ही सलाह ले सकते हैं।
क्या मेंटल हेल्थ सुधारने के लिए चैटबॉट्स सुरक्षित और प्रभावी तरीका हो सकते हैं?
डॉ. गीता के मुताबिक, चैटबॉट्स मेंटल हेल्थ सुधारने में मददगार हो सकते हैं, लेकिन जरूरत से ज्यादा निर्भरता एक्सपर्ट की मदद लेने में देरी कर सकता है। असल जिंदगी के रिश्तों और एक्सपर्ट की सलाह लेना मेंटल हेल्थ के लिए ज्यादा असरदार है।
क्या AI चैटबॉट्स का बढ़ता क्रेज डॉक्टरों या थेरेपिस्ट्स की भूमिका को प्रभावित कर रहा है?
AI चैटबॉट्स की लोकप्रियता डॉक्टरों और थेरेपिस्ट्स के काम को प्रभावित कर सकती है। हालांकि, यह मानसिक स्वास्थ्य के लिए तेजी से समर्थन और उपकरण लाते हैं, लेकिन इंसानी भावनाओं और विशेषज्ञता को पूरी तरह से नहीं बदल सकते।