कितनी भी हो सैलरी, ऐसे बनाएं बजट- कभी कम नहीं पड़ेंगे पैसे
हम जॉब करते हैं तो साथ में जिम्मेदारी भी आती है। हम कोशिश करते हैं कि अपने माता-पिता को कोई आर्थिक मदद करें। इसके अलावा हम ज्यादा से ज्यादा सेविंग करने की भी कोशिश करते हैं। लेकिन, इसके लिए सही प्लानिंग होना जरूरी है। प्लानिंग के साथ बजट और अनुशासन का भी अहम रोल है।
हम आपको आप फाइनेंशियल सशक्त होने और सही बजट तैयार करने में मदद करेंगे। वैसे तो वित्तीय तौर पर बजट बनाने के लिए कई फॉर्मूला है, लेकिन इन फॉर्मूला में सबसे पॉपुलर 50-30-20 फॉर्मूला (50-30-20 Formula) है।
क्या है 50-30-20 फॉर्मूला?(What is 50-30-20 Formula?)
इस फॉर्मूला में आप अपनी सैलरी को तीन भाग में बांटते हैं। फॉर्मूला में 50 फीसदी हिस्सा खर्च, 30 फीसदी जरूरत और 20 फीसदी सेविंग होता है। यह फॉर्मूला सेविंग के साथ एक्सपेंस को मैनेज करने में भी मदद करता है। इसके अलावा यह कई फाइनेंशियल गोल को पूरा करने में भी हेल्प करता है।
कैसे काम करता है ये फॉर्मूला? (How does the 50-30-20 Formula work?)
28 वर्षीय पूजा दिल्ली के पीजी में रहती है। वह मासिक 50,000 रुपये कमाती है। इसमें से वह हर महीने 10,000 रुपये अपने माता-पिता को भेजती है। अब सवाल आता है कि वह इस फॉर्मला के मदद से अपने खर्चों और आवश्यकताओं के साथ सेविंग कैसे करेगी?
पूजा हर महीने अपनी सैलरी से 10,000 रुपये माता-पिता को देती है। इसके बाद उसकी कुल सैलरी 40,000 रुपये होती है। 50-30-20 फॉर्मूला के हिसाब से पूजा को मासिक सैलरी का 50 फीसदी हिस्सा यानी 20,000 रुपये खर्च में होंगे। इस खर्च में पीजी का किराया, खाना,बिजली बिल आदि शामिल हैं।
अब बाकी बचे 50 फीसदी सैलरी को दो भाग में बांटे। बची हुई सैलरी का 30 फीसदी हिस्सा यानी 12,000 रुपये का इस्तेमाल जरूरत के लिए करें। जरूरत से हमारा मतलब लाइफस्टाइल से है जैसे जिम या कोई वर्कशॉप आदि पर खर्च करें। आपको कोशिश करना चाहिए कि आप इन आवश्यकता में से भी कुछ राशि अवश्य बचाएं जो आपके छोटे गोल जैसे ट्रैवल ट्रिप या किसी महंगे ब्रांड के क्लोथ और स्मार्टफोन आदि को पूरा करने में मदद करें।
अब बाकी बचे 20 फीसदी यानी 8,000 रुपये को सेव करें। अपनी सेविंग और निवेश के साथ आपको हर महीने कुछ राशि इमरजेंसी फंड (Emergency Fund) में डालना चाहिए जो आपात स्थिति में आपको वित्तीय मदद करें। इसके अलावा आपको कुछ राशि को इन्वेस्ट करना चाहिए ताकि आपको रिटर्न मिले जो आपकी सेविंग को बढ़ाने में मदद करें। हालांकि, आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपके सेविंग अकाउंट में हमेशा बैलेंस रहे जो मेडिकल इमरजेंसी में मदद करें।
इस तरह आप 50-30-20 फॉर्मूला की मदद से अपने खर्चों और जरूरतों के साथ सेविंग कर पाएंगे।