अमेरिकी अखबारों में भारत विरोधी खबरें चिंताजनक: मायावती

बसपा सुप्रीमो मायावती ने देश की चरमराती अर्थव्यवस्था, रुपये का अवमूल्यन और अमेरिकी अखबार में भारत विरोधी छपी खबरों को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इनका खंडन ही नहीं बल्कि समाधान किया जाना जरूरी है।

मायावती ने विदेशी मुद्रा भंडार और भूख सूचकांक में भारत के और फिसलते जाने को लेकर भी केंद्र सरकार पर निशाना साधा है।

उन्होंने ट्वीट कर कहा कि रुपये का अनवरत अवमूल्यन, विदेशी मुद्रा भण्डार में कमी, चरमराती अर्थव्यवस्था, बदतर भूख सूचकांक सहित विश्व संगठनों द्वारा भारत सम्बंधी निगेटिव रिपोर्ट के बीच अमेरिकी अखबार में भारत-विरोधी विज्ञापन आदि देश के लिए चिंताजनक हालात पैदा कर रहे हैं, जिसका खण्डन ही नहीं बल्कि सही समाधान भी जरूरी।

बाबा साहेब डा भीमराव अम्बेडकर निर्मित भारत का कल्याणकारी, समतामूलक व मानवतावादी संविधान दुनिया के लिए आज भी आदर्श होने के बावजूद भारत की वैश्विक छवि जिस प्रकार से प्रभावित हो रही है वह दुःख व चिन्ता की बात है। केन्द्र एवं राज्य सरकारों को सही नीयत व नीति से काम करने की जरूरत है।

अभी हाल ही में जारी की गई वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की स्थिति और खराब हो गई है। आंकड़ों के मुताबिक, भारत छह पायदान नीचे खिसक कर अब 121 देशों में 107वें स्थान पर पहुंच गया है। पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमार की स्थिति भारत से बेहतर है। केंद्र सरकार ने इसका खंडन किया है और कहा कि सूची दोषपूर्ण है।

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