AMU के इतिहास विभाग के पाठ्यक्रम का जल्द हिस्सा बनने जा रहे दारा शिकोह, पढ़े पूरी खबर

हिंदू-मुस्लिम समेत सभी धर्मों की एकता के बड़े पैरोकार माने जाने वाले मुगल सम्राट शाहजहां के बड़े बेटे दारा शिकोह की जीवनी जल्द ही अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के इतिहास विभाग के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनने जा रही है. दारा शिकोह शाहजहां के बड़े बेटे और औरंगजेब के बड़े भाई थे, लेकिन औरंगजेब के साथ सत्ता संघर्ष में वह मारे गए थे.

हाल में हुई अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी की एकेडमिक काउंसिल की मीटिंग में इतिहास विभाग द्वारा बनाए गए प्रस्ताव को अपने यहां से पास करने के बाद यूजीसी और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को भेज दिया गया है.

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग के एचओडी प्रोफेसर अली नदीम रेजावी ने बताया कि दारा शिकोह ने सभी धर्मों को एक करने की बात की थी. उन्होंने कहा था कि हिंदू और मुसलमान दो ऐसे समुद्र की तरह हैं जो आपस में मिलते हैं. यही गंगा-जमुनी तहजीब की मिसाल है.

प्रोफेसर अली नदीम रेजावी ने कहा कि वर्तमान हालात को देखते हुए इतिहास विभाग की ओर से दारा शिकोह के अध्ययन का प्रपोजल तैयार किया गया. इस प्रस्ताव को यूनिवर्सिटी की एकेडमी काउंसिल ने पास कर दिया है.

उन्होंने बताया कि पाठ्यक्रम में मध्यकालीन भारत के इतिहास की पढ़ाई होने से यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स को इसका बहुत फायदा मिलेगा. प्रोफेसर अली नदीम रेजावी ने बताया कि अकबर के बाद दारा शिकोह ने भारत की गंगा जमुनी तहजीब पर बल दिया था. दारा शिकोह धर्मों के बीच शांति स्थापित करने पर जोर देते थे.

यूनिवर्सिटी की ओर से आयोजित की गई एकेडमी काउंसिल की मीटिंग में प्रस्ताव पास होने के बाद एचआरडी मंत्रालय को इसका प्रस्ताव भेजा गया है. वहां से स्वीकृति मिलते ही दारा शिकोह यूनिवर्सिटी के इतिहास विभाग का एक पार्ट हो जाएंगे. (इनपुट-अकरम खान)

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