अमित शाह ने बता दिया पूरा प्लान : 2024 में महायुति की और 2029 में भाजपा की कैसे बनेगी अकेले सरकार!

 केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुंबई और कोंकण क्षेत्र के भाजपा कार्यकर्ताओं के संवाद मेला में 2024 में साथी दलों के गठबंधन महायुति की सरकार बनाने एवं 2029 में भाजपा की सरकार बनाने का लक्ष्य दिया है। उनके दिए इस लक्ष्य पर विपक्षी दलों के साथ ही उनके साथी दलों की भी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं।

महाराष्ट्र चुनाव की रणनीति

महाराष्ट्र में अगले सप्ताह तक विधानसभा चुनाव की घोषणा होने की उम्मीद है। इससे ठीक पहले भाजपा के प्रमुख रणनीतिकार अमित शाह ने पिछले सप्ताह महाराष्ट्र के चारों विभागों विदर्भ, मराठवाड़ा, पश्चिम महाराष्ट्र एवं उत्तर महाराष्ट्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें की थीं।

भाजपा सदस्यों को गुरुमंत्र

मंगलवार को मुंबई और कोंकण क्षेत्र के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक कर शाह ने उनका उत्साहव‌र्द्धन किया और कहा कि 2024 में साथी दलों के साथ महायुति गठबंधन की सरकार बनानी है और 2029 में अकेले भाजपा की सरकार बनानी है। उन्होंने विधानसभा चुनाव में प्रत्येक बूथ पर 10 प्रतिशत मतदान बढ़ाने का लक्ष्य रखते हुए कार्यकर्ताओं को उन परिवारों को भाजपा का सदस्य बनाने का गुरुमंत्र दिया, जो अब तक भाजपा के मतदाता नहीं रहे हैं।

विजयदशमी के बाद प्रचार

उन्होंने पार्टी के आंतरिक मतभेद को जल्द से जल्द दूर करने की भी सलाह दी। कहा कि जिस संगठन में आपसी मतभेद होता है, वह संगठन विजय हासिल नहीं कर पाता। शाह ने प्रत्येक बूथ पर 10 कार्यकर्ताओं की टीम तैयार करने का निर्देश देते हुए कहा कि विजयदशमी के बाद शुरू हो रहे प्रचार अभियान से शुरुआत कर इन कार्यकर्ताओं को मतदान संपन्न होने तक अपने बूथ के मतदाताओं के इर्द-गिर्द ही घूमना चाहिए।

उन्होंने ये बातें अपने कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने एवं आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी को सफलता दिलाने के लिए कही हैं। लेकिन उनके इस वक्तव्य पर विरोधी दलों सहित उनके साथी दलों की ओर से भी प्रतिक्रिया आने लगी है।

मिलीजुली सरकारें

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की ओर से उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस संबंध में पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न पर कहा कि अपनी पार्टी को आगे बढ़ाने का अधिकार सभी को है। लेकिन महाराष्ट्र की स्थिति उत्तर प्रदेश, दिल्ली या कुछ अन्य राज्यों से बिल्कुल अलग है। यहां 1985 के बाद से अब तक कभी भी किसी एक दल की सरकार नहीं बन सकी है। यहां मिलीजुली सरकारें ही बनती रही हैं।

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