अंबाला: सुभाष पार्क की झील में मरी मछलियों के मरने के मामला, बड़ा कारण आया सामने

अंबाला के सुभाष पार्क की झील में मरी मछलियों के मरने के मामला में लापरवाही सामने आई है। हालांकि मछलियों के मरने का कारण मत्सय विभाग की जांच रिपोर्ट में हीट वेव के चलते पानी में ऑक्सीजन की कमी और बाहरी लोगों के फेंके खाने के सामान से बनी अमोनिया गैस सामने आया है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि इस गर्मी में झील का पानी करीब सात फीट होना चाहिए था और वो था महज चार फीट।
ऐसे में मछलियों की संख्या ज्यादा और पानी अत्यधिक गर्म होने के कारण मछलियों में आक्सीजन की कमी हो गई थी। जबकि झील में बाकायदा जाल यानी नेटिंग होनी चाहिए थी, जिससे कि समय-समय पर झील में बाहरी खाने को बाहर निकाला जाए। मछली पालने से पहले ट्रेनिंग दी जाती है कि गर्मी में किस प्रकार से ध्यान रखना चाहिए।
समय रहते कोई इस बात पर मछली डालने वाले गौर कर लेते तो मछलियां बच सकती थी। उधर, मछलियों के मरने के बाद हरकत में आए नगर परिषद के अधिकारियों ने सोमवार को भी पार्क में जाकर जायजा लिया। मरी मछलियों को बाहर निकाला गया और बची मछलियों को बढ़ाने के लिए झील का पानी का स्तर बढ़ाया जा रहा है।
खाना देने वालों के लिए लगेंगे चेतावनी बोर्ड
मछलियों के मरने के बाद नगर परिषद विभाग गंभीर हो गया है। मछलियों को बचाने के साथ-साथ उनके देखभाल भी खास ध्यान रखा जाएगा। बाकायदा झील के आसपास चेतावनी बोर्ड लगाया जाएगा कि कोई भी झील में मछलियों के लिए खाने का सामान न डाले। ताकि वो खाना बचने के बाद झील की तली में जमा हो जाता है और लंबे समय के बाद अमोनिया गैस में तब्दील हो जाता है। जोकि मछलियों के लिए काफी नुकसानदायक होता है।
अधिकारी के अनुसार
झील में पानी का सैंपल लिया गया था। उनकी रिपोर्ट में सामने आया है कि हीट वेव से पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो गई और झील के पानी में अमोनिया गैस भी बन गई थी जो मछलियों के मौत का कारण बनी। इसके अलावा यह भी लापरवाही थी कि झील में इतनी गर्मी के बीच पानी की लैवल अधिक होना चाहिए था लेकिन वो कम था। तालाब में मछली डालने से पहले उनके संज्ञान में नहीं डाला गया था। बाकायदा मछली डालने से पहले उनकी तरफ से ट्रेनिंग दी जाती है और उसमें इन्हीं बातों की जानकारी दी जाती है कि क्या देना है और किस तरह से रखना है। – सुरेंद्र ठुकराल, कार्यकारी अधिकारी, जिला मत्स्य विभाग।
पार्क में बनी झील के पास चेतावनी बोर्ड लगाया जाएगा कि कोई बाहरी व्यक्ति आकर तालाब में मछलियों के लिए कुछ खाने को न डाले। मरी हुई मछलियों का बाहर निकाल दिया गया है और दूसरी मछलियों को बचाने के लिए वाटर लैवल भी बढ़ा दिया है। -जरनैल सिंह, ईओ, नगर परिषद।