यह सभी देश पिछले तीन वर्षों से दस सबसे कम शांतिपूर्ण देशों की लिस्ट..

 इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने ग्लोबल पीस इंडेक्स 2022 की रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान (Afghanistan) लगातार पांचवें साल दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण देश रहा है। अफगनानिस्तान के बाद यमन सीरिया रूस और दक्षिण सूडान इस लिस्ट में शामिल हैं। यह सभी देश पिछले तीन वर्षों से दस सबसे कम शांतिपूर्ण देशों (Least Peaceful Country list in the World) की लिस्ट में बने हुए हैं।

पांचवें साल दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण देश रहा है। इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (IEP) ने ‘ग्लोबल पीस इंडेक्स 2022’ में इसकी जानकारी दी है।

अफगनानिस्तान के बाद यमन, सीरिया, रूस और दक्षिण सूडान इस लिस्ट में शामिल हैं। ये सभी देश पिछले तीन वर्षों से दस सबसे कम शांतिपूर्ण देशों की लिस्ट में बने हुए हैं। इस लिस्ट पर अब तालिबान ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। आईईपी के ग्लोबल पीस इंडेक्स 2022 की लिस्ट को तालिबान ने काफी अन्यायपूर्ण बताया है। इसकी जानकारी अफगानिस्तान स्थित टोलो न्यूज ने दी है।

सबसे कम शांतिपूर्ण देश- अफगानिस्तान

अनुसार, अफगानिस्तान में 2022 में सशस्त्र संघर्ष से होने वाली मौतों में सबसे बड़ी कमी दर्ज की गई, जिसमें संघर्ष में होने वाली मौतें लगभग 43,000 से घटकर 4,000 से अधिक हो गई। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि अफगानिस्तान ने 2023 जीपीआई में शांति में पांचवां सबसे बड़ा सुधार दर्ज किया। हालांकि, यह दुनिया का सबसे कम शांतिपूर्ण देश बना हुआ है। वहीं, पूरे देश में हिंसा अभी भी व्यापक है, अगस्त में अमेरिकी सैनिकों की वापसी के बाद से अफगानिस्तान में संघर्ष का स्तर काफी कम हो गया है।

आतंकवादी घटनाओं में 75 प्रतिशत की कमी

आईईपी ने नोट किया कि अफगान नागरिकों की आपराधिकता के संबंध में थोड़ा सुधार हुआ है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है कि अकेले चलने में असुरक्षित महसूस करने वाले लोगों की संख्या 84 प्रतिशत से घटकर 77 प्रतिशत हो गई है।

इंडेक्स में यह भी कहा गया है कि 2022 में अफगानिस्तान में आतंकवादी घटनाओं में 75 प्रतिशत की कमी आई और आतंकवाद से होने वाली मौतों में 58 प्रतिशत की कमी आई है। आईईपी ने जोर देकर कहा कि अफगानिस्तान में सुरक्षा स्थिति अनिश्चित बनी हुई है। आईएसके और तालिबान के बीच संघर्ष बढ़ने की प्रबल संभावना बनी हुई है। रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि ‘रिपोर्ट में जो कहा गया है’ की तुलना में आतंकवादी घटनाओं में 99 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है।

अफगानिस्तान ने दी प्रतिक्रिया

मुजाहिद ने आगे कहा कि हताहतों की संख्या बढ़ गई है। वे कहते हैं कि 4,000 नागरिक हताहत हुए जो कि झूठ है। हमारी संख्या 1,000 तक हताहत हो सकती है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले वर्षों में कुछ दाएश हमले हुए हैं या पिछले साल एक हमला हुआ है, लेकिन (दाएश) नियंत्रित है।

राजनीतिक विश्लेषक अंदर खान अहमद ने कहा, ‘विभिन्न  समूह लोगों की गरीबी और दुख का फायदा उठा सकते हैं और अफगानिस्तान को असुरक्षित बना सकते हैं।’ आईईपी के अनुसार, दुनिया भर में कई अन्य आंतरिक संघर्षों में मौतों में काफी गिरावट दर्ज की गई है। इसमें फगानिस्तान, सीरिया, नाइजीरिया और सोमाली देश शामिल है।

2021 से 2023 तक अफगानिस्तान में हुई इतनी मौतें

इस बीच, अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायक मिशन (UNAMA) ने कहा कि 15 अगस्त, 2021 से 30 मई, 2023 तक 1,095 लोगों सहित कुल 3,774 नागरिकों को हताहत होना पड़ा और उनमें से अधिकांश की मौत इम्प्रोवाइज एक्सप्लोसिव डिवाइसेस के विस्फोट के कारण हुई। आईईडी के कारण कुल 701 लोग मारे गए और 2,113 घायल हुए। इनमें से तीन-चौथाई नागरिक हताहत पूजा स्थलों, स्कूलों और बाजारों सहित आबादी वाले क्षेत्रों में अंधाधुंध आईईडी हमलों के कारण हुए।`

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