बम से उड़ाने की धमकी में पकड़े गए किशोर को अलीगढ़ लाई पुलिस

किशोर ने देर रात तक चल रही पूछताछ में यह भी स्वीकारा है कि पिछले दिनों कोटा राजस्थान में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी की है। अपने नाम से बनी आईडी पर यूपीआई नंबर व मेल आईडी बनाई थी और उसे बाद में बेच दिया।

एएमयू को बम से उड़ाने की धमकी देने के मामले में सिविल लाइंस पुलिस आईडी के आधार पर पकड़े गए देवरिया के एक किशोर को पूछताछ के लिए 12 जनवरी को अलीगढ़ ले आई। पूछताछ में किशोर का कहना है कि आईडी व यूपीआई नंबर उसका है, लेकिन उसने मेल नहीं किया है। हालांकि, उसने राजस्थान में आईडी व यूपीआई नंबर बेचना स्वीकार किया है।

8 जनवरी रात 1.18 बजे यह तिवारीश्रीजयंत नाम की प्रोटोन आईडी से मेल मिला था। जिसमें जिक्र था कि मैंने कुछ छात्रों से बात कर एएमयू कैंपस में बम रखवा दिए हैं। दो लाख रुपये मेरे यूपीआई एकाउंट नंबर में दो दिन में नहीं दिए तो बम विस्फोट कर दूंगा। मेल में चेतावनी भी दी कि अगर उसके कहे शब्दों के अनुसार पालन नहीं किया तो वह विश्वविद्यालय में वितरित होने वाले खाने में अपशिष्ट मिलाकर खाना खराब कर देगा।

जांच के दौरान सर्विलांस टीम ने पाया कि जो नंबर यूपीआई के तौर पर लिखा हुआ है वह हरदोई के किसी व्यक्ति के नाम से पंजीकृत है। ई-मेल भेजने के समय उसकी लोकेशन यूपी के देवरिया जनपद के नेपाल बॉर्डर के आसपास की मिली। अलीगढ़ पुलिस ने लखनऊ एटीएस की मदद ली और देवरिया पुलिस को भी जानकारी दी।

एटीएस ने मामले में जांच करते हुए देवरिया के उमानगर मोहल्ले से एक नाबालिग आरोपी को दबोच लिया। एसपी सिटी मृगांक शेखर पाठक के अनुसार रविवार शाम पुलिस टीम आरोपी नाबालिग को लेकर अलीगढ़ आ गई है। अभी तक हुई पूछताछ में उसने बस यही स्वीकारा है कि यह नंबर व आईडी जरूर उसकी है, मगर एएमयू को धमकी देने वाला मेल उसने नहीं किया।

आईडी व यूपीआई नंबर बेचना स्वीकारा
किशोर ने देर रात तक चल रही पूछताछ में यह भी स्वीकारा है कि पिछले दिनों कोटा राजस्थान में रहकर इंजीनियरिंग की तैयारी की है। अपने नाम से बनी आईडी पर यूपीआई नंबर व मेल आईडी बनाई थी और उसे बाद में बेच दिया। पुलिस के अनुसार किशोर से पूछताछ जारी है। इसके बाद ही साफ हो सकेगा कि आखिर ईमेल के जरिए धमकी देने के पीछे क्या सच्चाई है।

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