डोनाल्ड ट्रंप के ‘स्टारगेट प्रोजेक्ट’ पर क्यों भिड़ गए एलन मस्क और ऑल्टमैन
स्टारगेट ट्रंप का नया प्रोजेक्ट है जो अमेरिका को एआई की दुनिया में नई पहचान दिलाने में मदद करेगा। इसे एआई के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए डिजाइन की गई एक पहल के रूप में देखा जा रहा है। इस प्रोजेक्ट पर ट्रंप के सहयोगी एलन मस्क ने सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा कि इसमें शामिल कंपनियों के पास प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए पैसा नहीं है।
राष्ट्रपति पद की शपथ लेते ही डोनाल्ड ट्रंप ने कई बड़ी अनाउंसमेंट की हैं। ट्रंप ने देश में मजबूत AI इन्फ्रास्ट्रक्चर स्थापित करने के मकसद से जॉइंट वेंचर शुरू करने का एलान किया है। इसमें 500 बिलियन डॉलर खर्च किए जाएंगे। ट्रंप के इस प्रोजेक्ट को स्टारगेट (Stargate) नाम दिया गया है। इसमें टेक इंडस्ट्री के कई दिग्गज शामिल हैं।
AI इनोवेशन पर फोकस
इस प्रोजेक्ट का फोकस डेटा डेंटर और एआई इनोवेशन पर रहेगा। इस वेंचर में टेक्नोलॉजी पार्टनर के तौर पर आर्म होल्डिंग्स, माइक्रोसॉफ्ट और एनवीडिया का भी अहम रोल रहेगा। इस प्रोजेक्ट को इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के लिए $100 बिलियन के शुरुआती निवेश की जरूरत होगी। कहा गया है कि यह प्रोजेक्ट अमेरिका को एआई की दुनिया में अपना वर्चस्व कायम करने का मौका देगा।
बड़ी हस्तियों ने लिया हिस्सा
इस अनाउंटमेंट के लिए हुए प्रोग्राम में ओपनएआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, सॉफ्टबैंक के सीईओ मासायोशी सोन, ओरेकल के सीटीओ लैरी एलिसन और ट्रंप सहित कई हस्तियों ने हिस्सा लिया।
क्या है स्टारगेट?
स्टारगेट अमेरिका का वह प्रोजेक्ट है, जो देश को एआई की दुनिया में नई पहचान दिलाने में मदद करेगा। इसे एआई के क्षेत्र में मजबूत करने के लिए डिजाइन की गई एक खास पहल के रूप में देखा जा रहा है। रिपोर्ट्स की मानें तो इस प्रोजेक्ट से हजारों नौकरियां पैदा होंगी। इस प्रोजेक्ट के बारे में ओपनएआई ने अपने एक्स हैंडल पर जानकारी दी है।
किसको क्या मिली जिम्मेदारी
सैम ऑल्टमैन को चैटजीपीटी के पीछे के प्रोजेक्ट को तरीके से चलाने की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, सॉफ्टबैंक को वित्तीय जिम्मेदारियां दी गई हैं। यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि एलन मस्क ने स्टारगेट पर आपत्ति जताई है।
फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप, ऑल्टमैन और उनके पार्टनर यह सुनिश्चित करने पर ध्यान दे रहे हैं कि स्टारगेट अपने वादे को पूरा करे, भले ही मस्क जैसे दिग्गज इसकी संभावनाओं पर संदेह जता रहे हों। दिलचस्प है कि मस्क खुद सरकार के सहयोगी हैं, लेकिन ट्रंप के इस प्रोजेक्ट पर वह सवाल खड़े कर रहे हैं। मस्क ने कहा कि जिन कंपनियों को इस प्रोजेक्ट में शामिल किया गया है। उनके पास इतना पैसा नहीं है कि वह इसे आगे बढ़ा सकें।