शिवपाल की पार्टी की गतिविधियों पर अखिलेश की नजर…!

पहले सेकुलर मोर्चा और फिर प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) का गठन करने वाले शिवपाल यादव की गतिविधियों पर सपा की पैनी नजर है। उनसे मिलने वाले प्रमुख नेताओं के साथ ही उनके दौरों की जानकारी जुटाई जा रही है। सपा संभावित डैमेज को कंट्रोल करने की तैयारी भी कर रही है।शिवपाल की पार्टी की गतिविधियों पर अखिलेश की नजर...!

सेकुलर मोर्चा बनाने के बाद से ही शिवपाल संगठन का विस्तार करने के साथ ही लगातार दौरे कर रहे हैं। उन्होंने 60 से ज्यादा जिलों में संगठन का ढांचा खड़ा कर दिया है। उनके नए कार्यालय में भीड़ जुटने लगी है। हालांकि, अधिकतर चेहरे वही हैं जो सपा में होते थे।

सपा को इस बात का अहसास है कि शिवपाल, सपा को ही सर्वाधिक नुकसान पहुंचाएंगे। इसी वजह से शिवपाल व प्रसपा (लोहिया) की गतिविधियों पर सपा नेता नजर रखे हुए हैं। यादव बहुल जिलों में उनके दौरों को लेकर खासतौर से फीडबैक जुटाया जा रहा है।

उनसे कौन लोग मिले, कौन उनके साथ है और कौन जा सकते हैं, इसका ब्योरा लिया जा रहा है। सपा की कोशिश है कि शिवपाल की बगावत से पार्टी को ज्यादा नुकसान न हो।

रैली की काट की तैयारी, नौ दिसंबर को करेंगे शक्ति प्रदर्शन

शिवपाल ने 9 दिसंबर को राजधानी के रमाबाई आंबेडकर मैदान में विशाल रैली की घोषणा की है। नया दल बनाने के बाद लखनऊ में उनका यह पहला शक्ति प्रदर्शन होगा। सपा की जिला इकाइयां आकलन कर रही हैं कि इस रैली में उनके यहां से कितने लोग जा सकते हैं।

शिवपाल ने जिन नेताओं को संगठन में जिम्मेदारी सौंपी है, उनकी गतिविधियों पर भी सपा नेताओं की नजर है। इस बाबत मिलने वाली अहम जानकारी से प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व राष्ट्रीय अध्यक्ष को अवगत कराया जा रहा है।

संभावना है कि 9 दिसंबर की रैली से पहले सपा जिलों में सम्मेलनों, धरना, प्रदर्शन के जरिये अपनी ताकत दिखा सकती है।

सपा-बसपा गठबंधन होगा अहम फैक्टर

कई सपा नेता शिवपाल व अखिलेश दोनों के संपर्क में हैं। वे राजनीतिक हालात का आकलन कर रहे हैं। सपा-बसपा-रालोद का गठबंधन होगा या नहीं, उनकी अगली रणनीति तय करने में यह अहम फैक्टर रहेगा।

कई नेताओं का आकलन है कि गठबंधन की स्थिति में शिवपाल ज्यादा नुकसान नहीं कर पाएंगे। तब सपा उन्हें वोट कटवा साबित करने की कोशिश करेगी।

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