अखिलेश को फिर मिला अध्यक्ष पद, मगर नहीं मिला पिता मुलायम का प्यार

आगरा: मोहब्बत की नगरी आगरा में अखिलेश यादव को पद तो मिला लेकिन पिता मुलायम सिंह यादव का प्यार नहीं मिला. आज दोबारा निर्विरोध समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष चुने गए. ताजनगरी आगरा में चल रहे सपा के दसवें राष्ट्रीय अधिवेशन के दौरान उन्हें पार्टी का अध्यक्ष चुना गया. वह लगातार दूसरी बार दल के अध्यक्ष चुने गए हैं.

निर्वाचन अधिकारी एवं सपा के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव ने अखिलेश के निर्विरोध निर्वाचन की औपचारिक घोषणा की. इस घोषणा के दौरान सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव और उनके छोटे भाई व अखिलेश के प्रतिद्वंद्वी चाचा शिवपाल यादव मौजूद नहीं थे.

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इससे पहले गत 1 जनवरी, 2017 को लखनऊ में हुए राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को मुलायम सिंह यादव के स्थान पर सपा का अध्यक्ष बनाया गया था. अखिलेश का कार्यकाल पांच वर्ष का होगा. उनके दोबारा अध्यक्ष बनने के साथ ही यह तय हो गया है कि वर्ष 2019 का लोकसभा चुनाव और 2022 का उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव उन्हीं के नेतृत्व में लड़ा जाएगा. गौरतलब है कि सपा के 10वें राष्ट्रीय अधिवेशन से पहले आज पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक हुई जिसमें अध्यक्ष के कार्यकाल की अवधि मौजूदा तीन वर्ष से बढ़ाकर पांच साल कर दिया गया.

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