अजमेर : विधानसभा अध्यक्ष ने किया जापानी संसद का अवलोकन

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को जापान की संसद डाइट का अवलोकन किया और वहां की संसदीय व्यवस्थाओं की जानकारी ली। देवनानी ने जापान संसद का भवन, सदन, दीर्घाएं, सदन में सदस्यों के बैठने की व्यवस्था, सदन की कार्यप्रणाली, अपर हाउस, लोअर हाउस सहित भवन के विभिन्न कक्षों और सदस्यों की ऑनलाइन उपस्थिति का अवलोकन किया। 

उन्होंने कहा कि जापान में सदन की प्रक्रिया एवं कार्य संचालन नियमों और वहां की परंपराओं और रीति-नीति के अनुसार होता है। उन्होंने संसद की द्विसदनीय विधान पालिका का अवलोकन कर वहां की कार्यप्रणाली के बारे में जानकारी हासिल की। संसद के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि संसद के दोनों सदनों के स्थाई आदेश होते हैं और उनकी अपने सदस्यों को अनुशासित करने की जिम्मेदारी होती है। दोनों सदनों को मंत्रियों को तलब करने का अधिकार भी उन्हें मिला हुआ है। हाउस ऑफ रिप्रेसेंटेटिव जापान के राष्ट्रीय सदन का निचला सदन है और हाउस ऑफ काउंसलर्स का सदन उच्च सदन है।

विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने मंगलवार को जापान में स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा और महान क्रांतिकारी रासबिहारी बोस के समाधि स्थल पर पुष्प अर्पित कर नमन किया और कहा कि भारत दुनिया की मजबूत अर्थव्यवस्था बनकर उभर रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी द्वारा अतीत में किए गए कार्यों का परिणाम है कि भारत बहुधुव्रीयता की ओर बढ़ रहा है। राष्ट्रपिता को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के बिना भारत को स्वतंत्र होने के लिए और लंबा संघर्ष करना पड़ता।

उन्होंने कहा कि राजबिहारी बोस ने देश में और देश से बाहर रहकर क्रांतिकारी गतिविधियों का संचालन किया। रामायण का जापानी भाषा का अनुवाद करने वाले बोस ने टोक्यो में भारतीयों को संगठित करने का प्रयास किया। उन्होंने नेताजी सुभाषचन्द्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज में रहकर भारत को आजाद कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

आज आएंगे जयपुर

राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी चार देशों की यात्रा के बाद आज जयपुर लौटेंगे। लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं की इस अध्ययन यात्रा से विधानसभा कार्यों को नई गति मिलेगी। देवनानी ने कहा कि प्रत्येक देश और राज्य के विधान मंडलों में स्थानीय व्यवस्थाओं के मुताबिक सदन संचालन की प्रक्रिया होती है लेकिन हर विधान मंडल में नई विशेषताएं भी देखने को मिली हैं, जो मार्गदर्शक साबित हो सकती हैं।

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