अजमेर: चिश्ती फाउंडेशन पंजाब चैप्टर ने हार्मनी ऑफ हार्ट्स इंटरफेथ समिट की करी मेजबानी
चिश्ती फाउंडेशन पंजाब चैप्टर ने चंडीगढ़ के विंडहैम द मोहाली क्लब में एक प्रभावशाली हार्मनी ऑफ हार्ट्स (सीना बा सीना) आयोजन की सफलतापूर्वक मेजबानी की, जिसमें अंतरधार्मिक संवादों के माध्यम से विविधता में एकता का उत्सव मनाया गया। इस सभा में चंडीगढ़ और मोहाली के विशिष्ट मुख्य वक्ताओं और अतिथियों ने भाग लिया, जिससे विभिन्न धार्मिक समुदायों के बीच आपसी सम्मान और समझ की भावना को बढ़ावा मिला।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ताओ के रूप में हाजी सैयद सलमान चिश्ती, गद्दी नशीन, दरगाह अजमेर शरीफ और चेयरमैन-चिश्ती फाउंडेशन, गोस्वामी सुशील महाराज, राष्ट्रीय संयोजक भारतीय सर्व धर्म संसद, दिल्ली कर्मा येशी रबग्ये (लामा जी), बौद्ध इंटरफेथ वक्ता, गुरभेज सिंह गुराया, नामधारी संत समाज, भैनी साहब, रमा दीदी, ब्रह्माकुमारीज़ इंटरफेथ वक्ता, अनिल सरवाल, बहाई धर्म के प्रतिनिधि, गुरलाल सिंह, नामधारी संत समाज युवा इंटरफेथ वक्ता, एडवोकेट गुरदीपिंदर सिंह ढिल्लों, चंडीगढ़ इंटरफेथ वक्ता शामिल हुए।
इस आयोजन के मुख्य अतिथि सतनाम सिंह संधू, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय के संस्थापक चांसलर और राज्यसभा सांसद थे। अजमेर दरगाह के हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने अपने आध्यात्मिक संदेश में कहा, “सूफीवाद का पवित्र मार्ग प्रेम और करुणा का है। यह हमें हमारे भेदभावों से परे देखने और हर आत्मा में दिव्य प्रकाश को पहचानने की शिक्षा देता है। ऐसी दुनिया में जो अक्सर सतही भेदों से विभाजित होती है, ‘हार्मनी ऑफ हार्ट्स’ जैसे आयोजन हमें सभी आध्यात्मिक परंपराओं के मूल में निहित एकता की याद दिलाते हैं।
वहीं गोस्वामी सुशील महाराज ने विविधता को अपनाने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “सच्ची आध्यात्मिकता सभी प्राणियों में ईश्वर की उपस्थिति को पहचानने में निहित है। समावेश और आपसी सम्मान की संस्कृति को बढ़ावा देकर, हम एक ऐसे समाज का निर्माण कर सकते हैं जो शांति और सद्भाव पर आधारित हो।” इसी प्रकार कर्मा येशी रबग्ये (लामा जी) ने कहा कि “करुणा और आंतरिक शांति एक सामंजस्यपूर्ण समाज की नींव हैं। बौद्ध धर्म की शिक्षाओं के माध्यम से, हम सीखते हैं कि इन गुणों को अपने भीतर विकसित करके, हम मानवता के सामूहिक कल्याण में योगदान दे सकते हैं।
कार्यक्रम में नामधारी संत समाज के गुरभेज सिंह गुराया ने कहा, “वैश्विक भाईचारे के प्रति हमारी प्रतिबद्धता वह मार्गदर्शक सिद्धांत है जो हमें इस तरह के संवादों में शामिल होने के लिए प्रेरित करता है। समझ और सहयोग के माध्यम से ही हम स्थायी शांति प्राप्त कर सकते हैं। गंभीर चर्चाओं के बाद, दर्शकों, विशेष रूप से युवाओं के साथ एक जीवंत प्रश्नोत्तर सत्र हुआ, जिसमें आध्यात्मिक एकता, अंतरधार्मिक समझ और शांति को बढ़ावा देने में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर गहन विचार-विमर्श किया गया। डिजाइनिस्टिक ग्रुप, डॉ. विशाल कालरा, जो चिश्ती फाउंडेशन के पंजाब चैप्टर का नेतृत्व भी करते हैं, द्वारा इस यादगार कार्यक्रम का प्रस्तुतीकरण किया गया और सम्मान समारोह श्री अभिषेक तिवारी द्वारा आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम चिश्ती सूफी कव्वाली प्रस्तुतियों के साथ समाप्त हुआ, जिसमें ‘आफ़ताब कादरी घराना सूफीवादी’ संगीत मंडली द्वारा प्रस्तुत की गई, जिनकी आत्मीय संगीत ने शाम की एकता के थीम को आध्यात्मिक अभिव्यक्ति के माध्यम से प्रतिध्वनित किया। कार्यक्रम का समापन हाजी सैयद सलमान चिश्ती द्वारा की गई प्रार्थनाओं और दुआओं के साथ हुआ। हार्मनी ऑफ हार्ट्स चिश्ती फाउंडेशन द्वारा भारत भर में आयोजित होने वाली मासिक आयोजनों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। अगला आयोजन सितंबर में पुणे में चिश्ती फाउंडेशन महाराष्ट्र चैप्टर द्वारा आयोजित किया जाएगा।