वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हवाई जहाज से पानी का छिड़काव कराना चाहती है केजरीवाल सरकार

जाड़े के मौसम में होने वाले वायु प्रदूषण से निपटने के लिए अरविंद केजरीवाल सरकार शहर की सड़कों और अन्य स्थानों पर हवाई जहाज और हेलीकॉप्टरों से पानी का छिड़काव कराना चाहती है ताकि धूलकणों की समस्या से निपटा जा सके। दिल्ली सरकार ने इस मामले में केंद्र सरकार को चिट्ठी भेजकर तुरंत जरूरी उपाय करने की मांग की है और यह भी स्पष्ट किया है कि दिल्ली में किए जाने वाले पानी के हवाई छिड़काव पर जो भी खर्च आएगा, वह उसे वहन करेगी।वायु प्रदूषण से निपटने के लिए हवाई जहाज से पानी का छिड़काव कराना चाहती है केजरीवाल सरकार

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री इमरान हुसैन ने केंद्रीय पर्यावरण, वन व जलवायु परिवर्तन मंत्री डा. हर्षवर्धन को सोमवार को एक चिट्ठी भेजी है। इसमें केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया गया है कि दिल्ली में धूलकणों से बचाव के लिए पानी का हवाई छिड़काव कराया जाए। इसके लिए केंद्रीय मंत्री से आग्रह किया गया गया है कि उनके मंत्रालय की ओर से इस संबंध में नागरिक उड्डयन मंत्रालय से संपर्क किया जाना चाहिए ताकि पानी के छिड़काव के लिए हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर उपलब्ध हो सकें। हुसैन ने अपनी चिट्ठी में यह भी जिक्र किया है हवाई जहाज व हेलीकॉप्टर की सेवाओं पर होने वाले खर्च का भुगतान दिल्ली सरकार दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के फंड से करेगी।

दिल्ली सरकार के मंत्री ने अपने पत्र में केंद्रीय मंत्री को विस्तार से बताया है कि किस प्रकार जाड़े के इस मौसम में दिल्ली में वायु प्रदूषण में वृद्धि करने वाले कई कारक एक साथ प्रभावी हो जाते हैं। इनमें तापमान में गिरावट, हवा का नहीं बहना, पड़ोसी राज्यों पंजाब और हरियाणा के किसानों द्वारा खेतों में पराली जलाना, दीपावली पर होने वाली आतिशबाजी आदि की चर्चा की गई है। उन्होंने लिखा है कि ऐसे में हवा में पीएम 2.5 व पीएम 10 धूल कणों की मात्रा बढ़ जाती है।

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धूलकणों को काबू कर इस प्रदूषण पर लगाम लगाई जा सकती है और इसके लिए राजधानी में पानी का हवाई छिड़काव कराया जाना बेहद जरूरी है। हुसैन ने कहा कि बीते 17 अक्तूबर को प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए हुई एक बैठक में आगामी 15 मार्च तक के लिए एक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। इसमें प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के तमाम तौर-तरीकों को अपनाने की बात कही गई है। उन्होंने सोमवार को भी पर्यावरण विभाग और डीपीसीसी के अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें उन्हें बताया गया कि पिछले साल के मुकाबले इस साल इस अवधि में प्रदूषण की मात्रा अपेक्षाकृत कम रहा है। हालांकि ठंडे के मौसम में प्रदूषण बढ़ जाता है।

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