AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी लगातार डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की बढ़ा रहे मुश्किलें..

AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी बिहार की राजनीति में तेजी से अपने पैर पसार रहे हैं। इससे डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। विधानसभा उपचुनाव में तेजस्वी का खेल बिगाड़ने के बाद अब ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने पटना यूनिवर्सिटी के छात्र संघ चुनाव में भी एंट्री मार ली है। पीयू छात्र संघ चुनाव में पहली बार ओवैसी की पार्टी से समर्थित उम्मीदवार भी मैदान में कूद गई है।

जानकारी के मुताबिक पटना यूनिवर्सिटी (पीयू) छात्रसंघ चुनाव में पहली बार AIMIM समर्थित उम्मीदवार उतारा जा रहा है। पार्टी ने शबा कुतुब को उपाध्यक्ष पद का प्रत्याशी बनाया है। शबा एमएससी सांख्यिकी की छात्रा हैं। हालांकि अन्य पदों पर प्रत्याशी उतारने पर फैसला नहीं हुआ है।

छात्र राजद के वोट काटेगी ओवैसी की उम्मीदवार?

शबा कुतुब का मुकाबला वैसे तो सभी एबीवीपी, एनएसयूआई, छात्र जदयू समेत सभी छात्र संगठनों से होगा। मगर छात्र राजद को बड़ा नुकसान झेलना पड़ सकता है। आरजेडी की तरह इसकी स्टूडेंट विंग छात्र राजद के भी कोर वोटर यादव और मुस्लिम स्टूडेंट्स हैं। वहीं, ओवैसी की पार्टी भी मुस्लिम वोटों को रिझाने में लगी है। अगर शबा कुतुब कुछ मुस्लिम वोटर्स अपने कब्जे में करने में सफल होती है, तो छात्र राजद के वोट छिटक सकते हैं।

तेजस्वी बनाम ओवैसी

पिछले कुछ सालों से सीमांचल में अपनी पैठ बना रहे असदुद्दीन ओवैसी अब बिहार के अन्य इलाकों में भी जड़ें जमाने लगे हैं। हाल ही में गोपालगंज में हुए विधानसभा उपचुनाव में ओवैसी की पार्टी AIMIM ने प्रत्याशी उतारा था, जिसे 12 हजार से ज्यादा वोट मिले। उस वजह से तेजस्वी यादव की पार्टी आरजेडी के उम्मीदवार को 1800 से भी कम वोटों से बीजेपी कैंडिडेट से हार झेलनी पड़ी। गोपालगंज में ओवैसी के उम्मीदवार ने आरजेडी के वोटों में सेंध लगाई। अगले महीने कुढ़नी विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव में भी एआईएमआईएम ने प्रत्याशी उतारने का फैसला लिया है। इससे तेजस्वी यादव के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गई हैं।
 

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