एम्स के अध्ययन में खुलासा: मधुमेह की तरह पैर पसार रहा पीसीएसओ, बढ़ रही महिलाओं की समस्या
मधुमेह की तरह देश की महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) की समस्या तेजी से बढ़ रही है। इसका खुलासा एम्स के एक अध्ययन से हुआ। 18 से 40 साल की सामान्य महिलाओं में पीसीओएस होने का कारण जानने के लिए दिल्ली सहित देश के 10 केंद्रों पर ट्रायल हुआ। इसमें 10 से 30 फीसदी तक महिलाएं पीसीओएस से पीड़ित पाई गईं।
ऐसी महिलाओं में गर्भधारण करने में दिक्कत, सिर के बाल झड़ना, चेहरे पर बाल सहित दूसरी परेशानी हो सकती है। विशेषज्ञों का कहना है कि पीसीओएस हार्मोन से जुड़ी बीमारी है। इसकी वजह से महिलाओं के अंडाशय (ओवरी) का आकार बढ़ जाता है। साथ ही इसके बाहरी किनारों पर छोटी-छोटी गांठें (सिस्ट) हो जाती हैं। इस रोग के होने का कारण पता लगाने के लिए भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के सहयोग से दिल्ली, चंडीगढ़, श्रीनगर, कोलकत्ता, नार्थ ईस्ट, केरल सहित 10 सेंटरों से सैंपल लिए गए। इसमें महिलाएं 10 से 20 फीसदी तक इस रोग से पीड़ित पाई गई। एम्स के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की प्रमुख डॉ. नीना मल्होत्रा ने बताया कि पीसीएसओ की समस्या महिलाओं में तेजी से बढ़ रही है।
अध्ययन में पाया गया कि खराब जीवन शैली, खान-पान में बदलाव, बढ़ता प्रदूषण इस रोग की प्रमुख वजह पाई गई है। यह समस्या तेजी से गांव की तरफ भी बढ़ रही है। देश के शहरीकृत गांव में रोग के असर को देखने के लिए हरियाणा के बल्लभगढ़ और दिल्ली के संगम विहार में अध्ययन किया गया। इसमें पाया गया कि जीवन शैली में बदलाव के कारण इन क्षेत्रों में भी समस्या तेजी से बढ़ रही है।
वजन घटाकर दूर कर सकते हैं समस्या
रोग के निदान के लिए किए गए आईपीओएस ट्रायल में पाया गया कि महिलाएं यदि वजन घटाए और जीवन शैली में सुधार करें तो समस्या दूर हो सकती है। ट्रायल के दौरान पीजीआई चंडीगढ़, सीएमसी बेल्लोर, एम्स भुवनेश्वर व एम्स जोधपुर को चुना गया। देश के चारों दिशाओं से सैंपल लेने पर पाया गया कि जीवन शैली सुधार लाने, वजन घटाने से रोग में सुधार होता है। इस अध्ययन के दौरान महिलाओं में सुधार हुआ। 23 से 27 फीसदी महिलाएं बिना दवा व इलाज के लिए गर्भधारण करने में सफल रही। इसमें पाया गया कि वजन घटना रोग से मुक्ति का सबसे आसान निदान है। पीसीओएस से पीड़ित महिलाओं में गर्भधारण करने की क्षमता काफी खराब होती है। मोटापा होने के कारण इन महिलाओं में अंडे बनने की क्रिया प्रभावित होती है।
रुक गया ट्रायल
अध्ययन के दूसरे फेस में पीसीएसओ के कारण दिल का दौरा होने का कारण पता लगाने के लिए ट्रायल होना था, लेकिन किसी कारण इस यह रुक गया है। विदेशी अध्ययन बताते हैं कि इस रोग के कारण महिलाओं में दिल का दौरा होने की आशंका ज्यादा रहती है। लेकिन इसका भारतीय डाटा नहीं है।
छोड़ दिया पारंपरिक कार्य
डॉ. मल्होत्रा ने कहा कि ट्रायल के दौरान देखा गया कि बल्लभगढ़ में रहने वाली महिलाएं जो पहले खेत में काम करने के अलावा दूसरे तरह की शारीरिक परिश्रम किया करती थी। उसे अब छोड़ दिया जिस कारण उसमें तेजी से वजन बढ़ा। इसके अलावा इन महिलाओं में चाऊमिन, बर्गर खाने की लत भी ज्यादा दिखी।
पीसीओएस से यह होती है समस्या
गर्भधारण करने में परेशानी
अनियमित पीरियड्स
अत्यधिक बाल उगना
वजन बढ़ना
बालों का पतला होना या झड़ना
तैलीय त्वचा या मुंहासे