पाकिस्तान में अहमदिया समुदाय उत्पीड़न जारी
पाकिस्तान में धार्मिक आधार पर अल्पसंख्यक अहमदिया समुदाय का उत्पीड़न जारी है। समुदाय के धार्मिक स्थलों की मीनारें गिराने की घटनाएं जारी रहने के बीच पंजाब प्रांत के रावलपिंडी में एक व्यापारी 40 वर्षीय तैयब अहमद की कुल्हाड़ी से सिर्फ इसलिए हत्या कर दी गई, क्योंकि वह अहमदिया समुदाय से था।
हमला करने से पहले हमलावर ने कहा कि तुम कादियानियों (अहमदिया) को इस स्थान से भागने के लिए पहले ही कह दिया था। कुल्हाड़ी से वार होने के बाद बुरी तरह घायाल तैयब को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई।
कट्टरपंथियों के एक समूह ने दी थी चेतावनी
हमले के समय तैयब अपने भाई की दुकान पर था। उसके भाई ताहिर कमर ने बताया कि कुछ दिन पहले कट्टरपंथियों के एक समूह ने उसकी दुकान पर पथराव किया था और अहमदी होने के कारण स्थान छोड़ने की चेतावनी दी थी।
पुलिस ने कहा कि प्रारंभिक जांच से यही पता चला है कि अहमदिया होने के कारण तैयब की हत्या की गई है। तैयब के परिवार को संदेह है कि इस हमले के पीछे कट्टरपंथी इस्लामी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) का हाथ है। टीएलपी ने पूरे देश में अहमदी समुदाय के विरुद्ध अभियान चला रखा है। टीएलपी मस्जिद की तर्ज पर बने उनके धार्मिक स्थलों की मीनारें गिरा देता है।
पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान का अगले सप्ताह रैली का आह्वान
जेल में बंद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने अपने समर्थकों से अगले सप्ताह रैली करने का आह्वान किया है और सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करने की धमकी दी है। कुछ सप्ताह पहले ही इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) ने इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शन किया था। बुलडोजर और मशीनों से लैस इस्लामाबाद पहुंचने के क्रम में पीटीआइ कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष में रेजरों और पुलिसकर्मियों समेत कई की जान गई थी।
इमरान ने गुरुवार को एक्स पर एक पोस्ट में अपने समर्थकों से 13 दिसंबर को खैबर पख्तूनख्वा की राजधानी पेशावर में जुटने को कहा है। इमरान ने 25 नवंबर को प्रदर्शन पर हुई कार्रवाई की न्यायिक जांच करने की मांग की है।इमरान ने कहा है कि कार्रवाई में उनके 12 समर्थकों की मौत हो गई और इससे पहले नौ मई, 2023 को हुई कार्रवाई में उनके आठ समर्थक मारे गए थे। उधर एक अदालत ने गुरुवार को इमरान एवं पीटीआइ के अन्य नेताओं, कार्यकर्ताओं के विरुद्ध नौ मई हिंसा के मामले में अभियोग निर्धारित कर दिया। इमरान ने कहा है कि यदि उनकी दो मांगें नहीं मानी गईं तो 14 दिसंबर से सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू हो जाएगा और किसी भी परिणाम के लिए सरकार जिम्मेदार होगी।