आगरा: ट्रकों की पहचान बदलकर 15 बार कराया लोन, एसटीएफ ने दबोचे गैंग के दो गुर्गे

उत्तर प्रदेश के आगरा में ट्रक के इंजन, चेसिस नंबर बदलकर आरटीओ से फर्जी रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) और अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) बनवाई। फिर ट्रकों पर लोन लेकर करोड़ों की धोखाधड़ी की। ऐसे अंतरराज्यीय गैंग का सोमवार को पुलिस ने पर्दाफाश किया। ट्रांसपोर्ट नगर से गैंग के दो गुर्गे एसटीएफ ने गिरफ्तार किए, जिन्होंने तीन ट्रक पर 15 बार लोन कराया था।

सोमवार को ट्रांसपोर्ट नगर पुलिस चौकी के पीछे खुले मैदान में ट्रकों के चेसिस व इंजन नंबर बदलते दो गुर्गे पकड़े गए। पुलिस ने बताया कि लोन लेकर ट्रक खरीदने वालों को गैंग निशाना बनाता था। लोन लेने के बाद जो किस्त नहीं भर पाते थे उनसे सस्ते दाम पर ट्रक खरीदता था। फिर उन ट्रक के चेसिस, इंजन नंबर और डैशबोर्ड बदलकर नई पहचान बनाई जाती थी। आरटीओ कार्यालय में फर्जी आरसी बनवाई जाती थी। नो ड्यूज की एनओसी लेकर उन कूटरचित दस्तावेज से बैंक व फाइनेंस कंपनियों से गैंग उन ट्रकों पर लोन कराता था।

डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि इस गैंग का नेटवर्क यूपी व राजस्थान के अलावा अन्य कई राज्यों तक फैला है। पकड़े गए आरोपियों में एक धौलपुर नीमखेड़ा का देवेंद्र सिंह और दूसरा डौकी क्षेत्र का बिकेंद्र तोमर है। इस गैंग में आरटीओ कार्यालय, फाइनेंस कंपनियों व बैंक कर्मियों के शामिल होने का शक है।

यूपी व राजस्थान के कई जिलों में इन लोगों ने 3 ट्रकों पर 15 बार लोन कराया। एसटीएफ ने दोनों के कब्जे से तीन फर्जी रजिस्टर्ड ट्रक, एक स्विफ्ट कार, 10 कूटरचित डैशबोर्ड और आठ कूटरचित इंजन प्लेट, पांच मोबाइल फोन व एक ड्राइविंग लाइसेंस बरामद की हैं। दोनों को पूछताछ के बाद जेल भेजा गया।

आरटीओ दफ्तर से जुड़े हैं तार
पुलिस को शक है कि गैंग के तार आगरा, धौलपुर, भरतपुर व अन्य जिलों के आरटीओ दफ्तर से जुड़े हैं। आरटीओ में तैनात कर्मचारी गैंग से मोटी रकम वसूल कर फर्जी रजिस्ट्रेशन व नो ड्यूज एनओसी बनाते थे। इस गैंग में फाइनेंस कंपनी व बैंक कर्मी भी शामिल हैं। जो फर्जी आरसी व एनओसी से ट्रक पर लाखों का लोन कराते हैं।

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