आगरा: कार में भिखारी को जिंदा जलाकर मारा, हादसे में खुद को मरा दिखाया

आगरा से सनसनीखेज मामला सामने आया है। आरोपी ने 90 लाख का इंश्योरेंस लेने के लिए एक भिखारी की हत्या की। इसके उसे कार में जला दिया। घटना में खुद को मरा दिखा दिया। 17 साल पुलिस ने 39 साल के व्यक्ति को अहमदाबाद से गिरफ्तार कर मामले का खुलासा कर दिया। 

आगरा के रकाबगंज इलाके में 17 साल पहले खंभे से टकराकर कार में आग लगने से मौत की घटना हादसा नहीं थी। दनकौर के अनिल मलिक ने 90 लाख की बीमा पॉलिसी की राशि हड़पने के लिए साजिश के तहत भिखारी की हत्या की थी। घटना में आरोपी के परिवार के लोग भी शामिल थे। 

हत्याकांड के बाद वह आराम से गुजरात के अहमदाबाद में नाम बदलकर रह रहा था। अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने गोपनीय सूचना पर कार्रवाई कर आरोपी को गिरफ्तार किया। अब दनकौर और आगरा से सुराग तलाशे जा रहे हैं।

मामला 31 जुलाई 2006 का है। थाना रकाबगंज क्षेत्र में सड़क हादसे का केस दर्ज हुआ था। एक कार खंभे से टकरा गई थी, जिसमें आग लग गई थी। इसमें चालक सीट पर एक लाश मिली थी। चालक की पहचान गौतम बुद्ध नगर के पारसौल गांव निवासी अनिल मलिक (39) के रूप में की गई थी। पिता ने शव को पहचाना था।

अहमदाबाद पुलिस के मुताबिक, गोपनीय सूचना मिली थी कि अनिल मलिक जिंदा है। वह नाम राजकुमार चौधरी रखकर निकौल क्षेत्र में रह रहा है। अपराध शाखा के अधिकारियों ने छानबीन के बाद आरोपी को गिरफ्तार किया। पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने पूछताछ में स्वीकार किया कि उसने बीमा पॉलिसी का लाभ लेने के लिए परिजन के साथ मिलकर साजिश रची थी।

किया बेहोश, फिर खंभे से टकरा दी कार
अनिल ने पुलिस को बताया कि वर्ष 2004 में बीमा पाॅलिसी ली थी। बाद में कार खरीदी। वर्ष 2006 में आगरा आए और ट्रेन में भीख मांगने वाले व्यक्ति को खाना खिलाने के बहाने अपने साथ होटल में ले गए। भोजन में नशे का पदार्थ मिला दिया। भिखारी के बेहोश होने पर उसे कार में बैठा दिया। इसके बाद कार को खंभे से टकरा दिया। कार में आग लगा दी।

नाम बदला, लाइसेंस-आधार कार्ड बनवाए
शव की पहचान अनिल के पिता विजय पाल सिंह ने बेटे के रूप में की थी। अपने पैतृक गांव में अंतिम संस्कार भी कर दिया। 90 लाख रुपये के बीमे का दावा कर उसे प्राप्त भी कर लिया। अपना हिस्सा लेने के बाद अनिल अहमदाबाद में रह रहा था। वह पैतृक गांव नहीं जाता था। उसने बदले हुए नाम से ही चालक लाइसेंस और आधार कार्ड भी बनवाया। उसने ऑटो रिक्शा और कार भी खरीद ली। घटना में अनिल के पिता, भाई और दोस्त के भी शामिल होने का शक है।

कॉलेज से भी मिल गया रिकॉर्ड
शुक्रवार को दनकौर पहुंची अहमदाबाद पुलिस ने बताया कि अनिल मलिक के पिता विजयपाल सिंह और भाई गाजियाबाद में रहते हैं। कुछ दिन से अनिल भाइयों और दोस्तों के संपर्क में था। पुलिस अनिल को लेकर पारसौल के इंटर कॉलेज में पहुंची। अनिल ने 8वीं तक की पढ़ाई पारसौल के किसान इंटर कॉलेज में की थी।

रिकॉर्ड में उसका नाम अनिल मलिक ही पाया गया। पुलिस अब अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास कर रही है। इंटर कॉलेज में रिकॉर्ड की पुष्टि करने और आवश्यक प्रमाण पत्र ले जाने के बाद अहमदाबाद पुलिस उसे अपने साथ ले गई। पुलिस का कहना है कि आवश्यक रिकॉर्ड उपलब्ध करने के बाद उसे कोर्ट में पेश कर जेल भेजा जाएगा।

आखिर कौन था, जिसकी कर दी हत्या?
रकाबगंज क्षेत्र में जिस घटना को हत्या कर हादसा दर्शाया गया, उसमें मरने वाला कौन था? यह आज तक पता नहीं चल सका है। जब आरोपी अनिल के पिता ने मृतक को अपने बेटे होने का दावा किया तो मृतक के किसी और के होने का कोई शक ही नहीं रह गया। मरने वाला व्यक्ति भिखारी था, इसलिए उसकी भी शिकायत की गई, या नहीं यह भी अहमदाबाद पुलिस पता कर रही है। एक टीम आगरा भी आ सकती है। हादसे का केस थाना रकाबगंज में दर्ज हुआ था।

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