आगरा: रेलवे ने अटकाया रोड़ा, इन 12 गांवों में गहरा सकता है बिजली संकट

आगरा-बाह-इटावा रेल लाइन के नीचे से निकल रहीं बिजली की केबलें काफी पुरानी हो चुकी हैं। ऐसे में इन्हें बदलने की जरूरत है। इसके लिए बिजली विभाग ने रेलवे से अनुमति मांगी है।
आगरा के बाह और फतेहाबाद के 12 गांवों में बिजली संकट बढ़ सकता है। आगरा-बाह-इटावा रेल लाइन के नीचे बिछी हुईं बिजली की केबलों से फीडरों को आपूर्ति दी जा रही है। पुरानी होने के कारण यह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं, जिन्हें बदलने का काम किया जाना है।
रेलवे ने जून से अब तक इसके लिए अनुमति नहीं दी है। दक्षिणांचल के अनुसार केबलें नहीं बदले जाने से फॉल्ट होते रहते हैं। आपूर्ति बाधित होती है। गर्मियों में इनके बढ़ने की आशंका है। दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम के अधिशासी अभियंता रूद्रेश पांडेय ने रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक से बीते साल जून में आगरा-बाह-इटावा रेल लाइन के नीचे से निकल रही बिजली की केबलें बदलने की अनुमति मांगी थी।
इसके लिए शटडाउन की जरूरत नहीं पड़ेगी। रेल लाइन पार करने के लिए पाइप से होकर केबल निकली हैं, जिन्हें सिर्फ खींचकर निकालना है। दक्षिणांचल के अधिकारियों ने रेलवे के पोर्टल पर भी अनुमति के लिए आवेदन किया है। आठ महीने से रेलवे से अनुमति न मिलने के कारण क्षतिग्रस्त हो चुकीं केबलों से ही आपूर्ति हो रही है। 33 केवी की क्रॉसिंग केबिल क्षतिग्रस्त होने से इस बार गर्मी में बिजली का संकट गहरा सकता है।
गर्मियों में फॉल्ट ज्यादा, पहले होना है काम
दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम गर्मी में बिजली मांग बढ़ने से पहले ही सबस्टेशनों की क्षमता बढ़ोतरी और बिजली की क्षतिग्रस्त केबलें बदलने का अभियान चला रहा है। अधिशासी अभियंता रूद्रेश पांडेय ने बताया कि रेलवे के सीनियर सेक्शन इंजीनियर को अनुमति देने के लिए पत्र भेजा गया, पर इसका कोई जवाब नहीं दिया गया। गर्मियों में मांग बढ़ने से पहले केबल बदलने का काम जरूरी है। फॉल्ट होने पर दिक्कतें बढ़ जाएंगी।
इन गांवों में बदली जानी हैं केबल
फतेहपुरा
उधन्नपुरा
शाहपुर गुर्जर
भदरौली
बटेश्वर
कमतरी
गोपालपुरा
रेलवे स्टेशन जैतपुर
रेलवे स्टेशन जैतपुर
गुर्जा पलू
वीधापुरा
खण्डेर
कुकथरी
खंडेर