भारत की दो टूक के बाद भी हरकतों से बाज नहीं आ रहा चीन

अरुणाचल प्रदेश को लेकर ड्रैगन लगातार अपनी बयानबाजी कर रहा है। एक बार फिर उसने ऐसा ही कहा है। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के दावे पर प्रतिक्रिया करते हुए खोखला दावा किया है। उन्होंने कहा कि यह क्षेत्र हमेशा से हमारा था। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच सीमा कभी तय नहीं हुई है। जंगनान हमेशा चीन का हिस्सा था।चीन का हमेशा से इस क्षेत्र पर प्रभावी प्रशासन रहा है।\
हाल ही में सिंगापुर में विदेश मंत्री एस जयशंकर द्वारा की गई टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए लिन ने दावा किया कि यह एक निर्विवाद तथ्य है कि भारत ने 1987 में अवैध रूप से कब्जे वाले क्षेत्र पर ‘तथाकथित अरुणाचल प्रदेश’ की स्थापना की है। लिन ने कहा कि हमने उनके कार्यों के खिलाफ कड़े बयान जारी किए हैं और जोर दिया है कि उनकी कार्रवाई अप्रभावी है और चीन की इस स्थिति में कोई बदलाव नहीं आया है।
क्या बोले थे एस जयशंकर
विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर सिंगापुर दौरे पर हैं। यहां एक कार्यक्रम में बोलते हुए डॉ जयशंकर ने पूर्वोत्तर भारत में अरुणाचल प्रदेश से लगी चीन की सीमा और भारतीय भूभाग पर चीन के दावों को हास्यास्पद करार दिया था।उन्होंने कहा था कि सीमांत राज्य अरुणाचल ‘भारत का स्वाभाविक हिस्सा’ है। उन्होंने राजनेताओं के अरुणाचल दौरे का चीनी खेमे से विरोध किए जाने पर कहा, यह कोई नया मुद्दा नहीं है। चीन ने दावा किया है, उसने अपने दावे का विस्तार किया है। ये दावे शुरू में हास्यास्पद थे और आज भी हास्यास्पद बने हुए हैं। बकौल डॉ जयशंकर, ‘मुझे लगता है कि हम इस पर बहुत स्पष्ट और सुसंगत राय रखते हैं। आप जानते हैं कि यह कुछ ऐसा है जो सीमा विवाद से जुड़ी चर्चा का हिस्सा भी बनेगा।’ बता दें कि चीनी विदेश मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अरुणाचल प्रदेश यात्रा पर आपत्ति जताई थी।
अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा
जयशंकर की टिप्पणी विदेश मंत्रालय द्वारा चीनी रक्षा मंत्रालय के दावों को खारिज करने के कुछ दिनों बाद आई है। उन्होंने कहा, हमने चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता की तरफ से भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र पर बेतुके दावों से जुड़ी बयानबाजी देखी है। इस संबंध में आधारहीन तर्क दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिल जाती। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा था, है और हमेशा रहेगा। इसके लोग हमारे विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभान्वित होते रहेंगे।