SBI के बाद अब PNB ने भी घटाई ब्याज दर, जानिए किस रेट पर मिलेगा होम

सरकारी क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (PNB) ने गुरुवार को होम और ऑटो लोन समते भी रिटेल लोन (Retail Loans) की ब्याज दर में 25 बेसिस प्वाइंट तक की कमी का एलान किया है। PNB ने एक बयान में बताया कि नई संशोधित दरें होम लोन(Home Loan), कार लोन (Car Loan), एजुकेशन (Education Loan) और पर्सनल लोन (Personal Loan) समेत कई उत्पादों पर लागू होंगी। इससे ग्राहकों को सस्ती दर पर लोन मिलेगा। RBI ने 7 फरवरी को पांच साल बाद रेपो रेट में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 6.25 फीसदी कर दिया था। उसके बाद से SBI और बैंक ऑफ बड़ौदा समेत कई सरकारी बैंक रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट (RLLR) का फायदा ग्राहकों को ट्रांसफर कर चुके हैं।
PNB की नई ब्याज दरें
PNB ने होम लोन की ब्याज दर घटाकर 8.15 फीसदी कर दी। इसने मार्च 31, 2025 तक प्रोसेसिंग शुल्क व डॉक्युमेंटेशन चार्ज माफ कर दिया है।
PNB का पारंपरिक होम लोन (Traditional Home Loan) योजना 8.15 फीसदी वार्षिक ब्याज दर से शुरू होती है, जिसमें प्रति लाख EMI 744 रुपये होगा।
नए और पुराने वाहनों (Used & New Cars) के लिए ऑटो लोन की ब्याज दर 8.50 फीसदी होगी। EMI 1,240 रुपये प्रति लाख से शुरू रहेगी।।
सस्टेनेबल मोबिलिटी (Sustainable Mobility) को बढ़ावा देने के लिए PNB 0.05 फीसदी की अतिरिक्त रियायत देता है।
एजुकेशन और पर्सनल लोन में कटौती
पंजाब नेशनल बैंक ने एजुकेशन लोन (Education Loan) की न्यूनतम ब्याज दर 7.85 फीसदी कर दी है।
ग्राहक अधिकतम 20 लाख रुपये तक पर्सनल लोन (Personal Loan) डिजिटल माध्यम से ले सकते हैं।
इसके लिए किसी शाखा में जाने या दस्तावेज जमा करने की जरूरत नहीं होगी। नई ब्याज दर 11.25 फीसदी से शुरू होगी।
PNB ने बताया कि नई दरें 10 फरवरी 2025 से प्रभावी हो गई हैं। इससे पहले, इस महीने की शुरुआत में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने भी RBI की रेपो रेट कटौती के हिसाब से रिटेल लोन में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी।
RLLR क्या होती है?
RLLR यानी रेपो लिंक्ड लेंडिंग रेट वह दर होती है, जिस पर बैंक ग्राहकों को लोन देते हैं। यह सीधे RBI के रेपो रेट से लिंक्ड होती है। जो ग्राहक RLLR लिंक्ड होम लोन का विकल्प चुनते हैं, उनकी ब्याज दर RBI की रेपो रेट में बदलाव के हिसाब से कम होती है या बढ़ती है। होम लोन में ज्यादातर ग्राहक फ्लोटिंग रेट की चुनते हैं, जो RLLR से जुड़े होते हैं। RLLR में कटौती के बाद बैंक ग्राहकों को EMI घटाने या फिर लोन की अवधि कम कराने का विकल्प देते हैं।