अतीक अहमद और अशरफ के खात्मे के बाद अब गुड्डू मुस्लिम का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है, जानें वजह

अतीक अहमद और अशरफ के खात्मे के बाद अब गुड्डू मुस्लिम का पकड़ा जाना बहुत जरूरी है। यूपी पुलिस के सामने अतीक और अशरफ हत्याकांड के कई राज धीरे-धीरे खुल रहे हैं। अतीक और अशरफ मर्डर के कई राज गुड्डू मुस्लिम के सीने में दफन हैं। सूत्रों के मुताबिक, गुड्डू मुस्लिम की दगाबाजी अशरफ और अतीक को मालूम हो गई थी। हत्या से ठीक पहले अशरफ जिस राज से पर्दा खोलने वाला था, वह यही था कि गुड्डू मुस्लिम की मुखबिरी की वजह से ही अतीक के लाडले असद और गुर्गे गुलाम का एनकाउंटर हुआ। अतीक का सबसे खास गुर्गा और ‘मुर्गी’ के नाम से कुख्यात गुड्डू मुस्लिम क्यों दूर होता गया?

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अतीक अहमद और अशरफ को अपनी हत्या से पहले अंदेशा था कि असद और गुलाम का एनकाउंटर गुड्डू मुस्लिम की मुखबिरी के कारण हुआ था। जब 15 अप्रैल की रात को अतीक अहमद और अशरफ को यूपी पुलिस मेडिकल के लिए अस्पताल लेकर पहुंची तो मीडिया कर्मियों से बातचीत में अशरफ गुड्डू मुस्लिम पर कुछ खुलासा करने वाला था। अशरफ के आखिरी शब्द थे- मेन बात ये है कि गुड्डू मुस्लिम… तभी शूटरों ने 18 राउंड फायर करके अतीक और अशरफ को मौत के घाट उतार दिया।

अब खुल रहे कई राज!
सूत्रों से पता लगा है कि उमेश पाल हत्याकांड के अगले ही दिन गुड्डू मुस्लिम अपने पांच साथियों के साथ झांसी पहुंचा था। यहां वह सतीश पांडे के घर रुका। अगले ही दिन उसने अपना फोन बंद कर दिया। कुछ दिन बाद जेल में बंद अतीक और अशरफ को मालूम हुआ कि गुड्डू गद्दारी करने वाला है। इसके बाद अतीक का पूरा ध्यान अपने बेटे असद को बचाने में चला गया। फिर गुलाम और बाद में असद पुलिस एनकाउंटर मारे गए।

गद्दारी कर रहा था गुड्डू?
गुलाम और असद के एनकाउंटर के बाद अतीक और अशरफ को शक हुआ कि हो न हो यह काम गुड्डू की मदद से हुआ है। एक तरफ गुड्डू अपना फोन बंद करके अंडरग्राउंड हो गया और खुद को बचाने और अतीक के परिवार के खात्मे के लिए पुलिस को मुखबिरी कर सकता है। 24 फरवरी की रात को बंद किया फोन गुड्डू ने 15 अप्रैल की रात चालू किया। व्हाट्सऐप कॉल के जरिए उसने कंफर्म किया कि अतीक और अशरफ मारे जा चुके हैं। इसके बाद उसने दोबारा अपना फोन बंद कर दिया। इस दौरान पुलिस को गुड्डू की लास्ट लोकेशन कर्नाटक में मिली।

अतीक से क्यों नाराज हुआ गुड्डू
अतीक के जेल जाने के बाद से बमबाज गुड्डू ही अतीक के हथियारों के सप्लाई का काम देख रहा था। गुड्डू पाकिस्तान से आने वाले हथियार पंजाब के होशियार पुर से कलेक्ट करता और ठिकाने लगाता। उमेश पाल हत्याकांड के बाद गुड्डू को शक हुआ कि अब पुलिस की सख्ती के बाद अतीक का पूरा ध्यान अपने बेटे असद को बचाने में है तो वह अलर्ट हो गया और अपना फोन बंद करके अतीक के खिलाफ होता गया। 

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