बजट के बाद फिर सस्ता होगा सोना?

Gold price in Budget 2025 पिछले साल बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोने पर कस्टम ड्यूटी घटा दी थी। इससे सोना 6 हजार रुपये तक सस्ता हो गया था। इस बार भी ज्वेलरी इंडस्ट्री वित्त मंत्री से गोल्ड पर जीएसटी घटाने की मांग कर रही है। इससे बजट के बाद सोना एक बार फिर से सस्ता हो सकता है। आइए जानते हैं कि पूरी डिटेल।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी। पिछले बजट के बाद सोना और चांदी काफी ज्यादा सस्ता हो गया था, क्योंकि वित्त मंत्री ने कस्टम ड्यूटी घटा दी थी। इस बार भी ज्वेलरी इंडस्ट्री वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से गोल्ड पर जीएसटी घटाने की गुहार लगा रही है। अगर सरकार उनके सुझाव को मानती है, तो इस बार भी बजट के बाद गोल्ड सस्ता हो सकता है।

गोल्ड पर कितना जीएसटी लगता है?
सोने पर जीएसटी की मौजूदा दर 3 फीसदी है। इसका मतलब है कि अगर आप 10,000 रुपये का सोना खरीद रहे हैं, तो उस पर 300 रुपये जीएसटी देनी होगी। जेम्स और ज्वेलरी इंडस्ट्री बजट 2025 में सोने पर गुड्स और सर्विसेज टैक्स (GST) की दर घटाने की मांग कर रही है। इंडस्ट्री का कहना है कि मौजूदा 3 फीसदी GST काफी बड़ा बोझ है, जिसका प्रतिस्पर्धा पर बुरा असर पड़ता है। इससे रोजगार का अवसर भी कम होता है।

GST कितना करने की हो रही डिमांड
ज्वेलरी इंडस्ट्री आगामी बजट में गोल्ड पर जीएसटी रेट को 3 फीसदी से घटाकर 1 फीसदी करने की डिमांड कर रही है। उसका कहना है कि इससे इंडस्ट्री और ग्राहकों को काफी राहत मिलेगी। इंडस्ट्री की दलील है कि सोने का भाव लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में उस अधिक जीएसटी होना इंडस्ट्री के साथ ग्राहकों पर भी बड़ा बोझ है। इससे गोल्ड की खरीद और बिक्री भी प्रभावित हो रही है।

GST कम होने से क्या फायदा मिलेगा?
अगर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट 2025-26 में गोल्ड पर जीएसटी घटाती हैं, तो इससे जेवरात के दाम में कमी आएगी। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि इस खासकर ग्रामीण इलाकों में सोने की बिक्री को बढ़ावा मिलेगा। इंडस्ट्री लैब-ग्रोन डायमंड्स के लिए रियायती GST दर लागू करने की गुहार लगा रही है। अभी कुदरती और लैब-ग्रोन डायमंड्स दोनों पर समान GST दर लागू है।

क्या फिर से कस्टम ड्यूटी घटाएगी सरकार?
एक्सपर्ट का मानना है कि इस बार बजट में कस्टम ड्यूटी घटाने की गुंजाइश न के बराबर है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज में कमोडिटीज के हेड हरीश वी का कहना है, ‘सरकार पिछले बजट में इंपोर्ट ड्यूटी को 15 से घटाकर 6 कर चुकी है। इसलिए इस बार मौजूदा ड्यूटी स्ट्रक्चर में बदलाव की काफी कम गुंजाइश है। सरकार सोने के बढ़ते आयात को कम करने के लिए देश के भीतर स्क्रैप गोल्ड की रिसाइक्लिंग को बढ़ावा देने की शुरुआत कर सकती है।’

सामान्य तौर पर भारतीय बजट का अंतरराष्ट्रीय सोने की कीमतों पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा। हालांकि, अगर बुलियन में कस्टम ड्यूटी में कोई बदलाव होता है, तो कीमतें उसी हिसाब से प्रतिक्रिया करेंगी। उदाहरण के लिए: कस्टम ड्यूटी में कोई भी बढ़ोतरी घरेलू सोने को उसी प्रतिशत तक बढ़ा सकती है।
प्रणव मेर, जेएम फाइनेंशियल में Commodity & Currency Research के वाइस प्रेसिडेंट

बजट 2025 से गोल्ड इंडस्ट्री की उम्मीदें
ज्वेलरी इंडस्ट्री को उम्मीद है कि बजट 2025 में नीति निरंतरता जारी रहेगी, जिसका इंडस्ट्री को फायदा होगा। मालाबार ग्रुप के चेयरमैन MP Ahammed का कहना है कि कीमती आभूषणों की मांग को बढ़ावा देने के लिए बजट में डिस्पोजेबल इनकम और खपत को बढ़ावा देने वाली नीतियों की जरूरत है। बजट में लोगों के लिए सोने के मुद्रीकरण योजना को और अधिक आकर्षक बनाने के उपाय भी काफी बेहतर पहल हो सकती है। इससे घरों में पड़ा सोना मार्केट में आएगा। यह सोने के आयात को कम करने में अहम भूमिका निभाएगा, जिससे सरकारी खजाने को भी फायदा होगा।’

बजट के बाद कितना सस्ता हुआ सोना था?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले साल 23 जुलाई को बजट पेश किया था। इसमें उन्होंने गोल्ड पर कस्टम ड्यूटी 15 फीसदी से घटाकर 6 फीसदी करने का एलान किया था। इससे 15 दिन के भीतर ही सोना 6000 रुपये प्रति 10 तक सस्ता हो गया था। उस दौरान सोने की डिमांड में काफी तेज उछाल आया था। इंडस्ट्री को उम्मीद है कि अगर इस बार भी बजट में जीएसटी कटौती के रूप में राहत दी जाती है, तो गहनों की खरीद में भारी उछाल आ सकता है।

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