दुनिया के सात अजूबों के बाद ये जगह बनी आठवां अजूबा, इस जगह बनाये घुमने का प्लान
दुनिया के सात अजूबों के बाद ये जगह बनी आठवां अजूबा, खूबसूरती छू लेगी आपका दिल
एक खबर के अनुसार, कंबोडिया के मध्य में मौजूद अंगकोर वाट, इटली के पोम्पेई को पछाड़कर दुनिया का आठवां अजूबा बन गया है। अगर आप ये बात नहीं जाते, तो बता दें अन्य इमारतों की तरह इसे भी अभी अनौपचारिक टाइटल ही दिया गया है। इस जगह ने इटली के पोम्पेई को रेस से बाहर कर दिया है और खुद अनौपचारिक रूप से आठवां अजूबा बन गया है। चलिए आपको इस जगह के बारे में बताते हैं।
अंगकोर वाट के बारे में
अंगकोर वाट एक विशाल मंदिर परिसर और यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह स्थान दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक स्मारक है जो हर साल दुनिया भर से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
इतिहास
12वीं शताब्दी में राजा सूर्यवर्मन द्वितीय द्वारा निर्मित, अंगकोर वाट हिंदू देवता विष्णु को समर्पित था। हालांकि, समय के साथ, इसे एक बौद्ध मंदिर में बदल दिया गया। हिंदू धर्म से बौद्ध धर्म में परिवर्तित मंदिर की दीवारों पर सजी जटिल नक्काशी देखी जा सकती है, जिसमें हिंदू और बौद्ध पौराणिक कथाओं के दृश्य दर्शाए गए हैं।
वास्तुशिल्प खूबसूरती
अंगकोर वाट को दुनिया का आठवां अजूबा इसकी वास्तुशिल्प प्रतिभा की वजह से बना है। यह मंदिर लगभग 500 एकड़ क्षेत्र में फैला है, इसकी बाहरी दीवारों के चारों ओर एक विशाल खाई है। मंदिर में पांच कमल के आकार के टावर हैं जो माउंट मेरु का प्रतिनिधित्व करते हैं।
अंगकोर वाट में सूर्योदय नजारा
अंगकोर वाट के सबसे प्रतिष्ठित अनुभवों में से एक इसकी राजसी मीनारों पर सूर्योदय देखना। जैसे ही भोर होती है, मंदिर गुलाबी, नारंगी और सोने के रंगों से सराबोर हो जाता है, जिसकी वजह से एक मनमोहक नजारा देखने को मिलता है।
अंगकोर वाट का सांस्कृतिक महत्व
अपने स्थापत्य वैभव के अलावा, अंगकोर वाट का सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। मंदिर एक धार्मिक स्थल बना हुआ है, जो बौद्ध भिक्षुओं और भक्तों को आकर्षित करता है।