PFI के ठिकानों पर छापेमारी के बाद अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों को किया गया गिरफ्तार

प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया के ठिकानों पर छापेमारी के बाद एनआईए ने इसके अध्यक्ष समेत कई पदाधिकारियों को गिरफ्तार किया है। अब यह भी खुलासा हुआ है कि पीएफआई को खाड़ी देशों से हवाला के जरिए फंड भेजा जाता है। PFI ने दावा किया था कि उसने भारत से ही चंदा इकट्ठा करके 120 करोड़ रुपये जमा किए हैं। हालांकि असल मामला कुछ और ही है। वहीं पीएफआई एक खाड़ी देशों मे एक अखबार भी निकालता है। इसके जरिए वह ना केवल भारत विरोधी अजेंडा चलाता है बल्कि पैसा जुटाने और कालेधन को सफेद करने का भी काम करता है। 

खाड़ी देशों में ‘गल्फ तेजस डेली’ नाम का अखबार ना केवल अजेंडा चलाता है बल्कि भारत में फर्जी डोनेशन रेसिप्ट दिखाकर धोखा भी देता है। ईडी का कहना है कि जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया है कि उनमें से ज्यादातर लोग लोग दरबार रेस्तरां से हवाला के जरिए फंड लेते थे। इस रेस्तरां से हवाला  के जरिए फंड भेजने के आरोप में बी पीएफआई के अब्दुल रजाक बीपी को गिरफ्तार किया गया था। उसका भाई ही अबूधाबी में दरबार रेस्तरां चलाता है। 

इसके असावा रजाक की एक और कंपनी है जिसका नाम तमार इंडिया स्पाइसेज प्राइवेट लिमिटेड द्वारा भी फंड भारत भेजा जाता था। ईडी के मुताबिक शफीक पायेथ भी गल्फ तेजस डेली में काम कर चुका है। वह 2018 तक अखबार का बिजनस डिवेलपर था। वहीं केरल में भी यह अखबार निकाला जाता था जो कि 2018 में बंद हो गया। अब्दुल रज्जाक बीपी इसका एक डायरेक्टर था जिसे गुरुवार को केरल में गिरफ्तार किया गया था। 

पायेथ पीएफआई के संस्थापक सदस्यों में से एक है। उसे कतर से फंड इकट्ठा करने की जिम्मेदारी दी गई थी। अब्दुल रज्जाक का अबू धाबी में व्यक्तिगत नेटवर्क काफी मजबूत था और उसने दरबार रेस्तरां को मनी लॉन्ड्रिंग सेंटर ही बना दिया था। वहीं  खाड़ी देशों में हवाला कारोबार की जिम्मेदारी अशरफ एमके के पास थी जो कि पीएफआई केरल स्टेट एग्जिक्यूटिव का सदस्य था और एर्नाकुलम का अध्यक्ष भी था। अशरफ प्रोफेसर जोसेफ के हाथ काटने का भी आरोपी है। ईडी ने दावा किया है कि पीएफआई की अन्य शाखाओं के लिए भी अशरफ फंडिंग की व्यवस्था करता था। 

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