आखिर किस कारण बजरंगबली ने अपना सीना चीरकर श्रीराम और मां सीता के करवाएं दर्शन?

सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है। ज्येष्ठ माह में पड़ने वाले सभी मंगलवार को बड़ा मंगल और बुढ़वा मंगल के नाम से जाना जाता है। इस वर्ष पहला बड़ा मंगल 28 मई (Bada Mangal 2024 Date) को है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और बजरंगबली की कृपा प्राप्त होती है। आपने अक्सर हनुमान जी की मूर्तियों में देखा होगा कि उनके सीने में भगवान श्रीराम और मां सीता हैं। क्या आप जानते हैं कि किस कारण बजरंगबली ने अपना सीना चीर कर प्रभु राम और मां सीता के दर्शन करवाएं थे? अगर नहीं पता तो आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
इस वजह से हनुमान जी ने अपना सीना चीरा
पौराणिक कथा के अनुसार, जब प्रभु राम का राज्याभिषेक हुआ, तो उसके बाद दरबार में उपस्थित सभी लोगों को उपहार दिए गए। इस दौरान मां सीता ने रत्न से जड़ी हुई माला बजरंगबली को दी। माला को लेकर हनुमान जी थोड़ी दूर गए, तो उन्होंने माला को दांतों से तोड़ने लगे और मोती को तोड़ कर फेंक दिए। ऐसा देख सभी लोग हैरान हुए। लक्ष्मण जी ने हनुमान जी के इस व्यवहार को श्रीराम का अपमान समझा और क्रोधित हुए। इसके बारे में उन्होंने प्रभु श्रीराम को जानकारी दी, जिसके बाद राम जी ने कहा कि हनुमान ने उन रत्नों को तोड़ा है यह उन्हें ही मालूम है। इसलिए इस जवाब का उत्तर तुमको उन्हीं से ही मिलेगा।
हनुमान जी ने दिया यह उत्तर
लक्ष्मण जी के जवाब में हनुमान जी ने कहा कि मेरे लिए सभी वह चीजें बेकार है, जिसमें राम का नाम ना हो। मैंने यह माला अमूल्य समझ कर ली थी, परंतु बाद में देखने के बाद पता चला कि माला में राम का नाम नहीं है। साथ ही उन्होंने यह कहा कि मेरी समझ से कोई भी वस्तु श्रीराम के नाम के बिना अमूल्य नहीं हो सकती। अतः मेरे हिसाब से उसे त्याग देना चाहिए।
लक्ष्मण जी ने मांगी माफी
इस बात को सुनकर लक्ष्मण जी ने जवाब दिया कि आपके शरीर पर भी राम का नाम नहीं है, तो इस शरीर को क्यों रखा है? तुम इस शरीर को त्याग दो। प्रभु की बात सुनने के बाद बजरंगबली ने वक्षस्थल नाखूनों के द्वारा अपना सीना चीरकर प्रभु श्रीराम और मां सीता के दर्शन करवाएं। इस दृश्य को देख लक्ष्मण आश्चर्यचकित हुए और उन्होंने अपनी गलती की माफी हनुमान जी से मांगी।