लगातार 5 बार चुनाव हार चुके पटेल को कांग्रेस ने फिर मैदान में उतारा, पढ़े पूरी खबर

मोरबी पुल हादसे को करीब 20 दिनों का समय गुजर चुका है। इधर, गुजरात विधानसभा में भी राजनीतिक दलों की तैयारियों का दौर जारी है। हालांकि, मोरबी में चुनावी मुद्दे के तौर पर हादसे की गूंज नहीं हैं। सीट से कांग्रेस प्रत्याशी जयंतीलाल जेराजभाई पटेल का कहना है कि वह ‘सादगी’ से प्रचार कर रहे हैं। खास बात है कि लगातार 5 बार चुनाव हार चुके पटेल को कांग्रेस ने फिर मैदान में उतारा है।

पटेल का सियासी सफर
सीरामिक फैक्ट्रियां चलाने वाले पटेल 7वीं बार विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। साल 1990 से लेकर साल 2007 तक वह 5 बार चुनाव गंवा चुके हैं। खास बात है कि इनमें से चार बार (1995, 1998, 2002 और 2007) में उन्हें कांतिलाल अमृतिया के ही हाथों हार का समना करना पड़ा है। अमृतिया साल 2022 में भी भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं।

गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूभाई जशभाई पटेल के सामने उन्होंने अपना पहला चुना गंवाया था। करीब 13 सालों के बाद कांग्रेस ने 2020 में उन्हें उपचुनाव में उतारा था। इस दौरान कांग्रेस के ही टिकट पर जीत दर्ज करने वाले बृजेश मेरजा भाजपा में शामिल हो गए थे। हालांकि, उस चुनाव में भी पटेल को 4 हजार 649 मतों से हार का सामना करना पड़ा था।

इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘आप अगर मेरी हार का अंतर देखेंगे, तो मैं सभी चुनाव बहुत करीब से हारा हूं।’ इस बार को लेकर उन्होंने कहा, ‘लोग भाजपा के 27 साल के शासन से परेशान हो चुके हैं। बढ़ती कीमतें, बेरोजगारी दर और जिस तरह से युवा ड्रग्स और शराब के रास्ते जा रहे हैं। ये मुद्दे गरीब और मध्यम वर्ग को पीस रहे हैं।’

मोरबी का शोर क्यों नहीं?
पटेल का कहना है, ‘यह चुनावी मुद्दा नहीं है, क्योंकि लोग अभी भी दुख से बाहर नहीं आए हैं। लोग कभी इसे भुला नहीं सकेंगे। ऐसे दुख के मूड में हम सादगी से प्रचार कर रहे हैं और लोगों से समर्थन की अपील कर रहे हैं।’ अक्टूबर में वडोदरा से करीब 300 किमी दूर मोरबी में ब्रिटिश काल का एक पुल ढह गया था। हादसे में 135 लोगों की मौत हो गई थी।

इस दौरान उन्होंने भाजपा नेता के लोगों के बचाने वाले वायरल वीडियो पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘भाजपा मृत्युनो मलाजो का सम्मान नहीं कर रही है। मेरे प्रतिद्वंदी नदी में वीडियो शूट कर रहे थे और फोटो खिंचा रहे थे। यह भाजपा की सच्चाई है। जब प्रधानमंत्री आते हैं, तो मौत के चलते हुए हाल का सम्मान करने के बजाए अस्पतालों में नया पेंट कराया गया, नए वॉटर कूलर लगाए गए और नया फर्नीचर रखा गया… इससे ज्यादा दुखद कुछ नहीं हो सकता। यह केवल मोरबी ही नहीं, बल्कि गुजरात के लोगों का भी अपमान है।’

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