पुलिस विभाग में प्रशासनिक हलचल, 15 दिनों में किए बड़े स्तर पर तबादले

पंजाब में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गत दिनों नशे व भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बड़ा फैसला लिया था जिसके चलते उन्होंने पंजाब पुलिस में बड़े स्तर पर तबादले किए हैं। लगभग साढे दस हजार के करीब तबादले किए हैं ताकि नशा तस्करों व पुलिस के बीच के नेक्सस को खत्म किया जा सके। वहीं डी.जी.पी. गौरव यादव ने कहा कि आचार संहिता के चलते प्रशासनिक तबादलों में देरी हुई है। विभाग में तबादला एक रूटीन प्रक्रिया है जो आगे भी जारी रहेगा।

डीजीपी गौरव यादव ने पुलिस कर्मियों के तबादले पर कहा कि विभाग में तबादला एक रुटीन प्रक्रिया है, जिसके तहत ही यह तबादलों की प्रक्रिया पूरी की गई है। इसके अतिरिक्त तबादलों के पीछे कोई और कारण नहीं है। पंजाब सरकार की तबादला नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है और आचार संहिता के चलते इसमें देरी हुई है।

मुख्यमंत्री मान ने निचले स्तर से लेकर ऊपर बड़े रैंक के अधिकारियों के फेरबदल किए हैं। इसे लेकर बैठकों का दौर भी जारी रहेगा। जानकारी मिली है कि पंजाब के मालवा क्षेत्र में सबसे बड़ा प्रशासनिक फेरबदल किया गया है। मालवा इस बार लोकसभा चुनाव में आप को 2 सीटें हासिल हुई हैं जबकि मालवा राजनीति का गढ़ है।

पंजाब में लोकसभा क्षेत्र में आते फरीदकोट में 52.88 प्रतिशत, मानसा में 52.35, फाजिल्का में 55.56 प्रतिशत, श्री मुक्तसर साहिब में भी 50 फीसदी से अधिक व बठिंडा में बड़े स्तर पर तबादले हुए हैं। पंजाब में बढ़ रहे नशे को लेकर सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। लोकसभा चुनाव के दौरान भी बड़ी मात्रा में नशा, शराब व नकदी बरामद की गई है। लुधियाना में 35.21 करोड़, फिरोजपुर में 65.70 करोड़, फाजिल्का में 71.30 करोड़, गुरदासपुर में 114.28 करोड़ रुपये का नशा व नकदी पकड़ी गई थी। इसी तरह अमृतसर में 154.28 करोड़, तरनतारन में 89.91 करोड़, जालंधर में 149.04 करोड़ रुपये का नशा व नकदी पकड़ी गई थी।

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