आरोपी धर्मराज कश्यप निकला बालिग, क्या है ऑसिफिकेशन टेस्ट जिससे खुला राज…
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री बाबा सिद्दीकी की हत्या मामले में अब एक और खुलासा हुआ है। मामले की जांच कर रही मुंबई पुलिस ने आरोपी धर्मराज कश्यप का ऑसिफिकेशन टेस्ट कराया है, जिसमें यह साबित हुआ कि वह नाबालिग नहीं है।
तीन हमलावरों ने गोली मारकर की थी हत्या
बाबा सिद्दीकी की शनिवार को बांद्रा में तीन हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। मुंबई पुलिस ने हरियाणा निवासी गुरमेल बलजीत सिंह और उत्तर प्रदेश के धर्मराज राजेश कश्यप को गिरफ्तार किया था, जबकि गोलीबारी के दौरान मौजूद दोनों का एक साथी मौके से फरार हो गया।
आरोपी ने खुद को बताया था नाबालिग
एक अधिकारी ने कहा कि आरोपियों को अपराध शाखा की टीम ने अदालत में पेश किया, जहां धर्मराज कश्यप के वकील ने दावा किया कि वह नाबालिग है। अधिकारी ने कहा कि अदालत ने रविवार को कश्यप का ऑसिफिकेशन टेस्ट करने का आदेश दिया, जिसमें यह साबित हुआ कि वह नाबालिग नहीं है।
क्या है ऑसिफिकेशन टेस्ट, जिससे हुआ खुलासा
दरअसल, सारा खुलासा बोन ऑसिफिकेशन टेस्ट (what is ossification test) से हुआ। ये एक चिकित्सा प्रक्रिया है जो आयु निर्धारित करने के लिए हड्डियों का विश्लेषण करती है।
इस परीक्षण में शरीर की कुछ हड्डियों जैसे कि क्लेविकल, स्टर्नम और पेल्विस की एक्स रे रिपोर्ट निकाली जाती है। इससे हमारी हड्डियों में वृद्धि की डिग्री का पता लगाया जाता है। इन हड्डियों का परीक्षण इसलिए किया जाता है क्योंकि जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है इनके आकार में सबसे ज्यादा बदलाव आता है।
उम्र के बढ़ने के साथ व्यक्ति की कुछ हड्डियां निश्चित आयु पर कठोर हो जाती हैं और एक दूसरे से जुड़ने लगती हैं, इसलिए हड्डियां उम्र का पता लगाने में भी मददगार साबित होती हैं।
अदालतें कई मौकों पर इस टेस्ट का उपयोग करती रही हैं, लेकिन इन परीक्षणों को सबसे सटीक नहीं माना जाता है।
तीसरे व्यक्ति की हुई गिरफ्तारी
बता दें कि मामले में देर शाम मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने पुणे से 28 वर्षीय प्रवीण लोनकर को गिरफ्तार किया है। वह बाबा सिद्दीकी की हत्या की जिम्मेदारी लेने वाले शुभम लोनकर का भाई है। अधिकारी ने बताया कि दोनों भाइयों ने सिद्दीकी की हत्या की साजिश रची थी और इस साजिश में कश्यप और शिवकुमार गौतम को शामिल किया था।