कानपुर के रास्ते प्रीमियम ट्रेनों के एसी कोच से देश में गांजे की तस्करी

कानपुर में गांजा तस्करों ने माल की सप्लाई के लिए अब प्रीमियम और वीआईपी ट्रेनों के एसी कोच को जरिया बना लिया है। पिछले कुछ दिनों आरपीएफ और जीआरपी ने उड़ीसा और पश्चिम बंगाल से कानपुर के रास्ते दिल्ली व अन्य शहरों को जाने वाली वीआईपी और सुपरफास्ट ट्रेनों में गांजे की खेप पकड़ी है, जिससे तस्करी के नए तरीके का खुलासा हुआ है।

जानकारी के अनुसार पिछले दिनों सुरक्षा कर्मियों ने भुवनेश्वर राजधानी, नेताजी एक्सप्रेस (कालका मेल), संपर्क क्रांति समेत कई ट्रेनों में माल बरामद किया है, जिसकी अनुमानित कीमत लाखों में है। इनमें कुछ लोगों को पकड़ा भी गया लेकिन वह कैरियर के तौर पर माल को एक से दूसरी जगह पहुंचा रहे थे।

उन्हें माल भेजने वाले और डिलीवरी करने वाले तक की जानकारी नहीं थी। इन कैरियरों को यात्री के तौर पर प्रीमियम और वीआईपी ट्रेनों के फर्स्ट और सेकेंड एसी कोच में सूटकेस में गांजे की खेप के साथ बैठा दिया जाता है और निर्धारित रेलवे स्टेशन और जगह पर वह बैग डिलीवर कर देते हैं।

एसी कोच में भी सघनता से चेकिंग के निर्देश जारी
चूंकि कैरियर को इससे ज्यादा जानकारी ही नहीं होती, इसलिए पुलिस की जांच माल पकड़ने तक ही अटकी हुई है और सरगना व असल तस्कर एजेंसियों की पकड़ से दूर हैं। प्रारंभिक जांच में गांजे को दिल्ली, एनसीआर, पंजाब, झांसी, मुंबई, अहमदाबाद, भोपाल, इंदौर तक सप्लाई की बात सामने आई है। इसी के बाद अब उच्चाधिकारियों ने खासकर प्रीमियम ट्रेनों के एसी कोच में भी सघनता से चेकिंग के निर्देश जारी किए हैं।

पहले जनरल कोच का होता था इस्तेमाल
ट्रेनों में शराब, गांजे और अन्य नशीले पदार्थों की तस्करी का खेल लंबे समय से चल रहा है। हालांकि पहले तस्कर ट्रेन के जनरल कोच में यात्रियों की भीड़-भाड़ के बीच नशीले पदार्थ से भरे बैग छुपाकर रख देते थे और निश्चित रेलवे स्टेशन पर उनके गुर्गे बैग उतार लेते थे। तब आरपीएफ और जीआरपी की चेकिंग में बैग पकड़ा भी जाता था, तो उसके मालिक की जानकारी होना नामुमकिन था। लेकिन अब सख्ती और चेकिंग बढ़ने परगांजा तस्करों ने प्रीमियम ट्रेन का नया रास्ता निकाल लिया है।

कमीशन पर माल पहुंचाते हैं, कोरियर
माल को एक से दूसरे स्थान पर पहुंचाने के लिए कैरियर बाकायदा फर्स्ट, सेकेंड और थर्ड एसी कोच में रिजर्वेशन कराकर यात्रा करते हैं। उनको इस कार्य के लिए ट्रेन टिकट का खर्च व निर्धारित कमिशन मिलता है। कैरियर के तौर पर काम करने वालों में ऐसे लोगों को चुना जाता है जिनके पास एक से दूसरे स्थान पर वाजिब वजह रहती है। छात्र-छात्राओं और महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है।

असम और पश्चिम बंगाल में फैला नेटवर्क
अब तक हुई पड़ताल में पता चला है कि ज्यादातर माल असम, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की ओर से भेजा जा रहा है। कैरियर वीआईपी और सुपरफास्ट ट्रेनों में गांजे को लेकर दिल्ली, एनसीआर, मुंबई और अन्य महानगरों तक पहुंचा रहे हैं। कैरियर पर नजर रखने के लिए भी ट्रेन में अलग से गुर्गे लगाए जाते हैं जो दूर से नजर रखते हैं।

बैग से लेकर टिफिन में रखकर हो रही तस्करी
जीआरपी और आरपीएफ अधिकारियों ने यात्रा करने वाली संदिग्ध महिलाओं और युवतियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। कुछ मामलों में कैरियर माल को सूटकेस तो कुछ मामलों में टिफिन व अन्य एयरटाइट बॉक्स में रखकर ले जाते मिले हैं।
उड़ीसा और पश्चिम बंगाल की ओर से आने वाली ट्रेनों में गांजे की तस्करी होने की सूचना मिल रही है। प्रीमियम ट्रेनों में यात्री के तौर पर भी तस्कर व कोरियर के सफर करने की जानकारी सामने आई है। इसलिए एसी कोच में भी सघन चेकिंग के लिए कहा गय है। -विजय प्रकाश पंडित, कमांडेंट, आरपीएफ प्रयागराज मंडल

ट्रेनों में बरामद हुआ गांजा
तेजस राजधानी के ए-1 कोच में ट्रॉली बैग से 16 किलो गांजा मिला था।
नेताजी एक्सप्रेस के फर्स्ट एसी कोच में 14 किलो गांजा बरामद हुआ।
ओडिसा संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के लावारिस बैग के अंदर गांजे का पैकेट मिला।
झांसी रूट की सुपरफास्ट ट्रेन में गांजा से भरा बैग आरपीएफ ने पकड़ा।
ट्रेनों में आरपीएफ व जीआरपी स्कॉट लगातार निगरानी और निगहबानी कर रहा है। गांजा तस्करी रोकने के लिए संदिग्ध और संवेदनशील लोगों पर विशेष नजर रखने के लिए निर्देशित किया गया है। रेलवे यात्रियों की सुविधा के लिए प्रतिबद्ध है। किसी भी तरह के गैर कानूनी गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। -हिमांशु शेखर उपाध्याय, सीपीआरओ, उत्तर मध्य रेलवे

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