AC कोच में गंदे कम्बलों से मिलेगा निजात, रेलवे ने शुरू किया ये पायलेट प्रोजेक्ट
यह सेंसर मानक 24 डिग्री सेल्सियस तापमान को बरकार करने के लिए एसी को मॉनीटर करेगा। इसका फायदा यह होगा कि ज्यादा कूलिंग व कम कूलिंग की समस्या से यात्रियों को नहीं जूझना पड़ेगा।
उत्तर रेलवे के चीफ मेकेनिकल इंजीनियर (सीएमई) अरूण अरोड़ के अनुसार बतौर पॉयलट प्रोजेक्ट थर्मल कंफर्ट सेंसर रीवा एक्सप्रेस व जम्मूतवी एक्सप्रेस में प्रयोग किया जा रहा है।
यह सेंसर एसी टू कोच में तो सफल साबित हो रहा है, एसी थ्री में अभी ठीक से काम नहीं कर रहे है। इंजीनियरिंग विभाग एसी थ्री वाले कोच में भी इस सेंसर को बेहतर कर रहा है। दोनों ट्रेन के 13 कोच में प्रयोग सफल साबित दिखाई पड़ रहा है। कमियों को दूर कर इस तरह के सेंसर सभी ट्रेनों में लगाया जाएगा।
बता दें कि इस सेंसर के सफल प्रयोग से यात्रियों को दो-दो महीने के अंतराल पर धुलाई होने वाले मोटे कंबल से मुक्ति मिल जाएगी। इसके जगह पर रेलवे भी विमानों की तरह पतला शॉल देना शुरू कर देगा। पतले शॉल की धुलाई भी आसान होगी।