टूटी आसों की उम्मीद बने आमिर नक़वी

  • क्षेत्र सहित अदब के शहर में हो रही है सराहना

भारत सहित विश्व भर में फैली कोरोना महामारी के समय जहाँ मानवता एक-एक साँस के लिए जूझ रही थी। तब उत्तर प्रदेश की राजधानी और अदब के शहर लखनऊ के पुराने छेत्र चौक के रहने वाले समाजसेवी सय्यद आमिर वसी नक़वी इंसानियत के हमदर्द के रूप में एक योद्धा के तौर पर सामने आये।

लखनऊ के चौक छेत्र के भवानीगंज वार्ड संख्या 107 के युवा एवं कर्मठ पार्षद प्रत्याशी सय्यद आमिर वसी नक़वी ने कोरोना महामारी के दौरान भिन्न-भिन्न तरह की समस्याओं से जूझ रहे लोगों की सहायता करके इंसानियत के लिये एक नई मिसाल पेश की है।
भवानीगंज वार्ड की जनता का कहना है कि कोरोना काल के मुश्किल समय मे जब अपनों का भी साथ नहीं मिल रहा था उस समय छेत्र के युवा कर्मठ और हर दिल अज़ीज़ समाजसेवी आमिर नक़वी ने न केवल खाने-पीने दवा से लोगों की मदद की बल्कि छेत्र के लोगों को कोरोना से सुरक्षित रखने के लिए घर-घर जाकर सेनिटाइजर का छिड़काव किया। भवानीगंज वार्ड की रहने वाली कमला देवी का कहना है कि मैं अपने बूढे एवं बीमार पति के साथ घर मे अकेले रहती हूं और जब लॉकडाऊन लगा तो हमारे जीवन पर मुसीबतों के पहाड़ टूट पड़े। लेकिन आमिर नक़वी के रूप में भगवान ने एक फरिश्ता भेजा जिन्होंने एक बेटे से बढ़कर पूरे लॉकडाउन काल में हमारी हर तरह की सेवा की और हमारा साथ दिया। इसी तरह भवानीगंज वार्ड के बहुत से छेत्र वासियों का कहना है कि समाजसेवी सय्यद आमिर वसी नक़वी न केवल कोरोना काल मे बल्कि सदैव छेत्र के लोगों की जाति धर्म से ऊपर उठकर हमेशा मदद करने के लिए सबसे पहले पहुंचते हैं। चौक छेत्र के युवाओं से बात करने पर यह सामने आया है कि आज आमिर नक़वी छेत्र के युवाओं के लिये रोल मॉडल के तौर पर जाने जाते है ज़्यादातर युवाओं का कहना है कि अगर आमिर नक़वी जैसे कर्मठ जोश से भरे समाजसेवी पार्षद के रूप प्रत्याशी बनते हैं तो हम ऐसे उम्मीदवार को विजई बनाकर न केवल लखनऊ के लिए बल्कि सम्पूर्ण प्रदेश के लिए उदाहरण पेश करना चाहते हैं।

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